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Bilaspur High Court: इनकम टैक्‍स में गड़बड़ी स्‍वीकार करने पर नहीं लगेगा करदाताओं पर जुर्माना, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Chhattisgarh State Power Transmission Company Limited Income Tax Case Update छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आयकर मामलों में करदाताओं के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई करदाता स्वेच्छा से अपनी गणनात्मक त्रुटि स्वीकार करता है

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Sanjeet Kumar
Income Tax Penalty

Income Tax Penalty

Income Tax Penalty: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आयकर मामलों में करदाताओं के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई करदाता (Income Tax Penalty) स्वेच्छा से अपनी गणनात्मक त्रुटि स्वीकार करता है और उसका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं होता, तो उस पर आयकर अधिनियम की धारा 271(1)(सी) के तहत जुर्माना नहीं लगाया जा सकता। यह फैसला छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के मामले में आया, जहाँ कंपनी ने स्वयं 8.84 करोड़ रुपए की गणना त्रुटि स्वीकार की थी।

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कंपनी ने ITR (Income Tax Penalty) दाखिल करते समय बुक प्रॉफिट में 35.74 करोड़ रुपए के स्थान पर 26.89 करोड़ रुपए दर्ज किया था, जो डेटा फीडिंग की अनजाने हुई त्रुटि थी। इस त्रुटि को कंपनी ने स्‍वीकार किया है। इस पर आयकर विभाग ने इसे आय छिपाने का प्रयास मानते हुए धारा 271(1)(सी) के तहत जुर्माना लगाया। इस पर आईटी ने कार्रवाई की।

हाईकोर्ट ने दिया ये तर्क

हाईकोर्ट ने कहा कि सद्भावना से की गई स्वीकारोक्ति पर दंडात्मक (Income Tax Penalty) कार्रवाई कर विधि के उद्देश्य को कमजोर करती है। अपीलीय अधिकारी ने इसे मानवीय त्रुटि मानते हुए जुर्माना रद्द किया। राजस्व विभाग की अपील पर ITAT ने जुर्माना बहाल किया। हाईकोर्ट ने ITAT के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि धोखाधड़ी या छिपाने के इरादे के बिना त्रुटि दंडनीय नहीं।

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करदाताओं के लिए कवच बनेगा फैसला

हाईकोर्ट का यह निर्णय करदाताओं (Income Tax Penalty) के लिए एक सुरक्षा कवच साबित होगा, जो गलती से हुई त्रुटियों को सुधारने के इच्छुक हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कर विभाग को ऐसे मामलों में उदारतापूर्वक विचार करना चाहिए। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का यह फैसला कर प्रशासन और करदाता संबंधों में न्यायसंगत दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।

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