MP News: मऊगंज में एक युवक के साथ पुलिस द्वारा क्रूर व्यवहार का मामला सामने आया है, जहां युवक को थाने में ले जाकर बेरहमी से पीटा गया, उसकी चोटी उखाड़ दी गई और जनेऊ तोड़ दिया गया। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों और ब्राह्मण समाज के लोगों ने एसपी ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो 14 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे।
पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ दर्ज की थी FIR
दरअसल, शाहपुर के पहाड़ी गांव में रविवार को एक सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद, परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया और शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था। इसके बाद, पुलिस ने इस मामले में लगभग 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें पीड़ित युवक नरेंद्र मिश्रा भी शामिल थे।
जबरन उठाकर ले गई पुलिस
पीड़ित युवक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे उसके घर से जबरन उठाया और थाने ले गई, जहां थाना प्रभारी और अन्य लोगों ने मिलकर उसे पाइप से बेरहमी से पीटा। इस घटना में उसे गंभीर चोटें आईं। इसके अलावा, पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके साथ जातिसूचक शब्दों का उपयोग करके उसे अपमानित किया।
पीड़ित ने बताई आपबीति
पीड़ित युवक ने बताया कि एक बोलेरो गाड़ी ने चार लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। परिजनों ने शव रखकर जाम लगा दिया, जिस पर पुलिस ने युवक को रात 11 बजे उठाकर थाने ले गई। थाने में पुलिसकर्मी विवेकानंद यादव और विनीत पांडे ने युवक को बेरहमी से पीटा, उसकी चोटी उखाड़ दी और जातिसूचक शब्दों का उपयोग किया। इसके बाद, पुलिसकर्मी युवक को मेडिकल के लिए ले गए, लेकिन मेडिकल नहीं हुआ। वापसी में पुलिसकर्मियों ने युवक को एक नदी के पास ले जाकर धमकी दी कि उसे गोली मार देंगे।
मारपीट करने वाला पुलिसकर्मी सस्पेंड
मऊगंज के पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने बताया कि नरेंद्र मिश्रा और उनके साथी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि शाहपुर थाने में पदस्थ आरक्षक विवेकानंद यादव ने उनके साथ मारपीट की और उनकी चोटी उखाड़ दी। इस मामले में पुलिस ने मारपीट का मेडिकल कराया है और जांच के लिए एएसपी अनुराग पांडे को नियुक्त किया है। साथ ही, मारपीट करने वाले आरक्षक विवेकानंद यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।