भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के बाद विधनसभा का ग्रीष्मकालीन सत्र स्थगित किया गया था। अब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गईं हैं। प्रदेश में भी 9 अगस्त से विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले सचिवालय ने माननीय विधायकों द्वारा बोले जाने वाले अपशब्दों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की एक डिक्शनरी तैयार की है। इस डिक्सनरी के हिसाब से अब सत्र के दौरान विधायक दूसरों पर हमला करने के दौरान पप्पू, फेंकू, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सचिवालय द्वारा यह सूची सभी माननीय विधायकों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
बता दें कि पिछले सत्र की कार्रावाई के दौरान हमले में विधायकों ने जमकर इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस कारण सदन में काफी हंगामा हुआ था। इसके बाद से यह फैसला लिया गया था कि सदन में कार्रावाई के दौरान विधायक अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हालांकि यह डिक्शनरी ग्रीष्मकालीन सत्र के दौरान भी जारी की गई थी। वहीं कोरोना महामारी के कारण यह सत्र स्थगित हो गया था। बता दें कि विधानसभा का मॉनसून सत्र 9 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इसके लिए कोरोना गाइडलाइन जारी की गई है। विधानसभा के मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने वाले सभी विधायकों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा। वहीं कार्रावाई में भाग लेने वाले सभी को वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाना अनिवार्य होगा।
विधायकों-मंत्रियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण…
9 अगस्त से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र के लिए सभी विधायकों और मंत्रियों को यह डिक्शनरी उपलब्ध कराई जाएगी। असंसदीय शब्दों की इस सूची में पप्पू, फेंकू, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे शब्दों को बोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा। इतना ही नहीं मर्यादित भाषा के लिए विधायकों और मंत्रियों को सत्र की कार्रावाई से पहले ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सचिवालय ने जिस तरह इन शब्दों की सूची तैयार की है, इसी तरह इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में विधायकों और मंत्रियों को सत्र की कार्रावाई के दौरान व्यवहार करना सिखाया जाएगा।