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18th Lok Sabha MP Profile: लोकसभा में घट रही है किसानों की संख्या, वकीलों की संख्या बढ़ी; समाजसेवी सांसद भी हुए कम

18th Lok Sabha MP Profile: 18वीं लोकसभा में कृषि के कार्यों से जुड़े सांसदों की कमी दर्ज की कई है। वहीं, वकीलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

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aman sharma
18th Lok Sabha MP Profile: लोकसभा में घट रही है किसानों की संख्या, वकीलों की संख्या बढ़ी; समाजसेवी सांसद भी हुए कम

18th Lok Sabha MP Profile: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र (18th Lok Sabha MP Profile) आज से शुरू हो गया है। सभी सांसदों ने आज अपने पद की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ ग्रहण की। लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चलने वाला है। वहीं, इस बार संसद में 280 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं। जबकि बात उनके पेशे की कि जाए तो इसमें अधिकांश सांसद कृषि, समाज सेवा और व्यवसाय से हैं।

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देश की जनता दिल्ली (18th Lok Sabha MP Profile) की संसद में हर फील्ड के सांसद चुनकर भेजे हैं, इसमें हार्ट स्पेशलिस्ट, प्रोफेसरों, समाजसेवी, किसान से लेकर अभिनेता और क्रिकेटर को भी शामिल हैं। हालांकि, 18वीं लोकसभा में समाजसेवी, कृषि और बिजनेस को अपना पेशा बताने वाले सांसदों की संख्या में कमी देखी गई है। जबकि, 17वीं लोकसभा में इनकी संख्या पहले से अधिक थीं।

पेशे में कमी आने की जानकारी लोकसभा (18th Lok Sabha MP Profile) की वेबसाइट पर मौजूद है, जिसमें 17वीं और 18वीं लोकसभा सांसदों के पेशे में कमी को साफ तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर 17वीं और 18वीं लोकसभा सांसदों के पेशे की तुलना की जाए तो इसमें कमी साफ देखी जा सकती है।

कृषि से जुड़े सांसदों में आईं कमी

17वीं लोकसभा (18th Lok Sabha MP Profile) में 230 सांसद कृषि पेशे से जुड़े हुए थे, जिसमें अधिकांश सांसद भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनकर आए थे। जबकि इस बार इनकी संख्या में 8 फीसदी की कमी आई है। देश की संसद में 543 निर्वाचित सांसदों की कुल संख्या में इस बार सिर्फ 179 सांसद ऐसे हैं जो कि कृषि व्यवसाय से ताल्लुक रखते हैं।

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वहीं, भारतीय जनता पार्टी (18th Lok Sabha MP Profile) के कुल 240 सांसदों में से 79 सांसद कृषि का व्यवसाय करते हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे अधिक सीटों पर विजय रहने वाली कांग्रेस के 99 सांसदों में से 29 कृषि के पेशे से जुड़े हैं।

वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी समाजवाजी पार्टी के 37 में से 23, बंगाल की तृणमूल कांग्रेस के 29 में से सिर्फ दो और डीएमके के 22 में से 9 सांसद कृषि से जुड़े हैं।

वहीं इस बार की लोकसभा में 115 सांसद या सदन के 21.22 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जो कि पेशे से समाजसेवी है। वहीं, पिछली बार की तुलना में इस बार समाजसेवी की संख्या में 13.13 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं, इसमें 1192 सांसद या 34.35 फीसदी समाजसेवी काम में लगे हुए थे।

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इस बार 39 वकील बने सांसद

बता दें कि नए सदन में व्यवसाय को अपना प्रोफेशन बताने वाले सांसदों की संख्या 100 है। वहीं, पिछली बार की तुलना में यह आंकड़ा कम है। 17वीं लोकसभा में 144 सांसद ऐसे थे जो कि बिजनेस किया करते थे। वहीं, इस बार की लोकसभा में वकीलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

इनकी संख्या इस बार 39 है। 28 सांसद स्वास्थ से जुड़े हुए हैं। 18वीं लोकसभा में 70 सांसदों राजनीति को अपना पेशा बताते हैं। जबकि, फिल्म, टीवी और संगीत उद्योग से जड़े सांसदों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है। दरअसल, 17वीं लोकसभा में इनकी संख्या 22 थी जबकि इस बार यह संख्या घटकर 12 हो गई है।

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