इस्लामाबाद।Islamabad News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ‘गैर-इस्लामी निकाह’ मामले में पार्टी के प्रमुख व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात-सात साल की सजा के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करने की शनिवार को घोषणा की।
वर्ष 2022 के बाद खान को चौथी बार दोषी करार दिया गया है, जिससे आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
निचली अदालत ने सुनाई सजा
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कुदरतुल्लाह ने 71 वर्षीय खान और उनकी 49 वर्षीय पत्नी बुशरा बीबी को सजा सुनाई और पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। दोनों को अडियाला जेल में लंबी सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई है।
खान और बीबी यहां बंद हैं। अडियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए इमरान खान के वकील बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए “शर्मनाक, निंदनीय और अनैतिक आरोप” लगाए गए हैं।
पार्टी गौहर खान बोले- फैसले का कोई आधार नहीं
‘जियो न्यूज’ ने गौहर खान के हवाले से बताया, “यह एक ऐसा मामला है जिसका कोई आधार नहीं है। यह वास्तव में, खान के पूर्व करीबी सहयोगी और उक्त मामले में प्रमुख गवाहों में से एक अवान चौधरी के आदेश पर दायर किया गया था।” गौहर ने संवाददाताओं से कहा, “निकाह संपन्न कराने वाले मौलवी ने खुद स्वीकार किया है कि चौधरी ने ‘उन्हें उठवा लिया’ था।”
अब हाईकोर्ट जाएगी पार्टी
खान ने कहा कि पार्टी फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेगी। उन्होंने कहा, “अगर ये मामले एक स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं तो हमें न्याय की उम्मीद है। मैं न्यायपालिका से न्याय के सिद्धांतों को सुनिश्चित करके हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान करता हूं।’