नई दिल्ली। हिन्दु धर्म में सभी शुभ कार्यों के पहले Importance of Coconut नारियल फोड़ने की परंपरा है। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। नारियल को श्रीफल के नाम से भी जानते हैं। श्री यानि लक्ष्मी। यानि हर कार्य का प्रारंभ इनके बिना अधूरा होता है। लेकिन इसके साथ ही आपने एक बात और देखी होगी। कि नारियल को कभी महिलाएं नहीं फोड़तीं। ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं।
क्यों।
इसलिए महिलाएं नहीं फोड़ती नारियल
पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार नारियल फोड़ना Importance of Coconut बलि का प्रतीक होता है। परंपरागत रूप से नारियल को श्रृष्टि के सृजन का बीज माना जाता है। चूंकि इसे बीज का स्वरूप मानते हैं। जिसे प्रजनन से जोड़कर भी मान जाता है।
स्त्रियों को मां बनने का अधिकार और शक्ति प्रदान की है। इसलिए उन्हें स्त्री को उत्पत्ति का कारक माना जाता है। यही कारण है कि इन्हें नारियल की बलि देना वर्जित है।
पानी की बौछार से भागती
नए कार्य से पहले नारियल फोड़ने के पीछे की मान्यता का भी अलग कारण है। जब हम कोई भी शुभ काम करते हैं तो कच्चे नारियल को फोड़ा जाता है। ऐसी मान्यता है कि नारियल से निकलने वाला पानी जब चारों ओर बिखरता है तो उससे सारी निगेटिव एनर्जी दूर भाग जाती है। अगर आप विशेष मनोकामना चाहते हैं तो नारियल फोड़ना शुभ होता है।
तीनों देवताओं के वास
पौराणिक मान्यता अनुसार श्रीफल में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश Importance of Coconut तीनों ही देवताओं का वास होता है। इतना ही नहीं इस श्रीफल पर बने तीनों बिंदु भगवान शिव के तीनों नेत्रों के प्रतीक माने जाते हैं। इसे श्रीफल भी माना जाता है। श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी। यही कारण है कि लक्ष्मीजी को नारियल अति प्रिय है।
नारियल का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु अपने अवतार के समय वे अपने साथ लक्ष्मी, नारियल का पेड़ और कामधेनु साथ लाए थे। इन्हें मानव के लिए वरदान माना जाता है। इसी के चलते नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।