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इंडियन ई-रुपी होगा लॉन्‍च: आईआईटी भिलाई में चल रही टेस्टिंग, आरबीआई जल्‍द जारी करेगा करेंसी; जानें कितना है सिक्‍योर

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Sanjeet Kumar
Indian Digital Currency

Indian Digital Currency

Indian Digital Currency: देश में हो रहे फ्रॉड और और साइबर ठगी के शिकार व चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके चलते लोगों की सालों की कमाई चंद सेकंड में ही गायब कर दी जाती है। या फिर फ्रॉड के माध्‍यम से ठगी कर लूट ली जाती है। अब आरबीआई इसका तोड़ निकाल रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक जल्‍द ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्‍च करने वाला है। सीबीडीसी को ई-रुपी नाम दिया गया है।

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बता दें कि जिस तरह से हम अभी 10, 20, 50, 100 या 500 रुपए के नोट का इस्‍तेमाल करते हैं। इसी तरह डिजिटल करेंसी का भी हम इस्‍तेमाल कर सकेंगे। इसमें श्‍योरिटी ये है कि डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency)  इतनी सिक्योर मानी जा रही है कि ई-रूपी जिसका रहेगा, वही इसका इस्‍तेमाल व लेनदेन कर सकेगा।

आपके वॉलेट में नहीं झांक सकेगा कोई

IIT Bhilai

ई-रुपी जो कि आपके वॉलेट (Indian Digital Currency) में कितना यह जानने का अधिकार किसी के पास नहीं रहेगा। जब तक आप इसकी अनुमति नहीं देंगे। इसके चलते इस करेंसी के चोरी होने का कोई खतरा नहीं है। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस तरह से लोग इस समय साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं, ई-रुपी से वे साइबर ठगी के खतरे से बच जाएंगे।

आईआईटी भिलाई को सौंपी गई जिम्‍मेदारी

केंद्र सरकार के द्वारा फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी को डेवलप करने का काम आईआईटी भिलाई (Indian Digital Currency) को सौंपा है। पायलेट प्रोजेक्ट में आरबीआई आईआईटी भिलाई के साथ काम कर रहा है। इसी के साथ ही सुदूर क्षेत्रों के लिए भी इसकी टेस्टिंग की जा रही है। इसमें देखा जा रहा है कि जहां इंटरनेट की सुविधा पर्याप्त नहीं मिल पाती है, ऐसे इलाकों में डिजिटल करेंसी का इस्‍तेमाल कैसे आम जनता के लिए खास बनाया जाए। इस पर एक्‍सपर्ट की टीम तेजी से काम कर रही है।

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आईआईटी भिलाई में चल रही टेस्टिंग

RBI New Currency

इंडियन ई-रुपी को लेकर आईआईटी भिलाई (Indian Digital Currency) में सीबीडीसी सेक्शन ओपन किया है। इस सेक्‍शन में करेंसी की टेस्टिाग का काम किया जा रहा है। यहां टेस्ट में देखा जा रहा है कि इसमें और कैसी समस्‍या हो सकती है। इसके समाधान कैसे किए जा सकते हैं। इसको लेकर आईआईटी भिलाई में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यकम भी हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य सीबीडीसी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।

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ई-रुपी की प्रमुख विशेषता क्‍या?

आरबीआई के अनुसार डिजिटल रुपी, ई-रुपी (Indian Digital Currency) और सीबीडीसी तीनों एक है। जिस तरह से  500 और 200 के नोट हैं, जिसे आरबीआई के द्वारा छापा गया है। इसी तरह ई-रुपी भी सॉवरेन बैंक करेंसी भी है, इसको भी आरबीआई इश्यू करता है।

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ई-रुपी आरबीआई के बैंलेंस शीट में दिखाई देती है। जिस तरह से कोई दुकान में 100, 200 या 500 रुपए के नोट से आप जब खरीदारी करेंगे, इसी तरह ई-रुपी से भी आप खरीददारी कर सकेंगे।

सभी देशवासी और सरकार अपनी वैल्यू को सुरक्षित कर सकते हैं। वैल्यू स्टोर करने से तात्‍पर्य है कि सैलरी चाहें तो ई-रुपी में लिया जा सकता है।

ई-रुपी से यह फायदा होगा कि अब नोट (Indian Digital Currency) की आवश्‍यकता नहीं होगी, नोट लेने के लिए बैंक या एटीएम नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि अभी आप यूपीआई आईडी का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इसका इस्‍तेमाल करने के लिए इंटरनेट की आवश्‍यकता है। इस कदम से आगे बढ़कर डिजिटल करेंसी के इस्‍तेमाल करने में यूएनआई का इस्‍तेमाल करना होगा। यह बिना इंटरनेट सेवा के चलेगा।

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