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IIT Bhilai Student Death
हाइलाइट्स
IIT भिलाई में छात्र की संदिग्ध मौत
इलाज में लापरवाही, डॉक्टर सस्पेंड
छात्रों का दो दिन से प्रदर्शन जारी
IIT Bhilai Student Death: छत्तीसगढ़ के भिलाई आईआईटी में मध्यप्रदेश के एक छात्र की अचानक मौत हो गई। इससे छात्रों में आक्रोश है। बताया जा रहा है 10 नवंबर को पांचवें दीक्षांत समारोह के दौरान दो छात्रों की की तबीयत बिगड़ी थी। उन्हें प्रोपर इलाज नहीं मिल सका। जिससे सौमिल साहू नामक छात्र की मौत हो गई, जबकि एक अन्य छात्रा आईसीयू में एडमिट है। इस घटना के बाद आईआईटी कैंपस में दो दिनों से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, आईआईटी प्रबंधन ने डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
हेल्थ सेंटर में तीन बार नहीं मिला डॉक्टर
छात्रों का आरोप है कि आईआईटी मैनेजमेंट ने छात्र के इलाज में लापरवाही बरती। प्रबंधन ने पहली जिम्मेदारी डॉक्टर की मानते हुए उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि सौमिल चार बार हेल्थ सेंटर गया, लेकिन उसे तीनों बार डॉक्टर नहीं मिला।
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सौमिल साहू मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम का रहने वाला था।[/caption]
बिना चेकअप दे दी दवाई
चौथी बार पहुंचने पर जब डॉक्टर मिला तो उसे बिना चेक किए ही पैरासिटामॉल और ओआरएस देकर रवाना कर दिया। उसकी जांच तक नहीं की। अगले दिन 11 नवंबर को उसकी तबीयत बिगड़ी और सुबह सौमिल की मौत हो गई।
9 सदस्यीय जांच कमेटी गठित
आईआईटी छात्रों की मौत के मामले में 9 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है। इसमें एम्स के डॉक्टर, कलेक्टर द्वारा नियुक्त डॉक्टर, छात्र प्रतिनिधि समेत 9 लोग शामिल हैं। ये जांच कमेटी 15 दिन के अंदर पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
यह जांच कमेटी छात्रों की मांग के बाद ही बनाई गई है। यह जांच कमेटी यह लापरवाही कैसे हुई, कौन जिम्मेदार था और आगे इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए क्या किया जा सकता है, इस पर रिपोर्ट तैयार करेगी।
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सौमिल को समय पर इलाज नहीं मिल पाने को लेकर प्रदर्शन करते साथी छात्र।[/caption]
दूसरे छात्र की जानकारी छिपा रहा प्रबंधन
बता दें कि सौमिल आईआईटी भिलाई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बीटेक फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था। वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि उस दिन एक और छात्र की तबीयत बिगड़ी थी। उसे भी हेल्थ सेंटर ले जाने की बात कही गई थी, लेकिन हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे तुरंत दूसरे अस्पताल भेजा गया। जहां उसे आईसीयू में भर्ती करवाया गया। छात्र कौन है इसकी जानकारी प्रबंधन ने नहीं दी है। हालांकि, आईआईटी के डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने कहा कि एक और छात्र एडमिट है। उसका इलाज जारी है। दरअसल उसी दिन दो छात्रों के साथ ऐसा हुआ था। छात्र ने कोई गलत दवा खा ली थी। लेकिन मैं उस दिन दोनों लोगों को देख रहा था। एक आईसीयू में थी। वो किसी भी तरह के खतरे से बाहर है।
छात्रों का आरोप- हेल्थ सेंटर में दवा न डॉक्टर, कोई सुविधा नहीं
आईआईटी के छात्रों ने बताया कि हेल्थ सेंटर में न तो कोई सुविधाएं हैं और न ही डॉक्टर मौजूद रहते हैं। वे एक निश्चित समय पर छात्रों को बुलाते हैं, लेकिन अगर बीच में कोई इमरजेंसी आ जाए तो डॉक्टर नहीं मिलते।
सौमिल साहू के साथ भी ऐसा ही हुआ था, चार बार जाने पर उसे तीन बार डॉक्टर नहीं मिले। जब एक बार डॉक्टर मिले, तो उन्होंने सही से चेक भी नहीं किया। ऑक्सीमीटर खराब था और बीपी मशीन भी काम नहीं कर रही थी। ऐसे में समय पर इलाज न मिलने के कारण छात्र की मौत हो गईर।
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IIT भिलाई के छात्र प्रदर्शन करते हुए।[/caption]
डायरेक्टर बोले- लापरवाह डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया
छात्रों के सभी आरोपों पर आईआईटी के डायरेक्टर ने अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की जो भी मांगें थीं, उनमें से हमने तीन मुख्य मांगों को मान लिया है। ऑक्सीमीटर के खराब होने की बात गलत है। छात्रों को इसे खोलने में गलतफहमी हुई थी।
वहीं, बीपी मशीन भी सही काम कर रही थी, लेकिन उस समय छात्र का पल्स नहीं चल रहा था, इसलिए नर्स को शक हुआ कि कहीं मशीन खराब तो नहीं हो गई। इसके अलावा, 9.23 पर छात्रों ने एंबुलेंस को कॉल किया और वे 9.55 पर अस्पताल पहुंच गए।
छात्रों की मांग के बाद मैनेजमेंट ने ये कदम उठाए
- आईआईटी भिलाई के निदेशक ने दुर्ग एसएसपी को इस मामले की जांच के लिए एक अनुरोध पत्र भेजा।
- सौमिल साहू के परिवार को एक शोक संदेश भेजा गया है। परिवार को सभी आवश्यक प्रशासनिक सहायता दी गई है।
- आईआईटी भिलाई के निदेशक ने आईआईटी भिलाई के चिकित्सा अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया।
- कैंपस के स्वास्थ्य केंद्र में 24*7 पर्याप्त चिकित्सा कर्मी और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
- दुर्ग कलेक्टर से स्वास्थ्य केंद्र में एक सरकारी डॉक्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है, जिस पर दुर्ग कलेक्टर ने सहमति दे दी है।
- स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित छात्रों द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी।
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