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आईआईएम-शिलांग ने दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ समझौता किया

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Bhasha
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शिलांग, सात जनवरी (भाषा) भारतीय प्रबंधन संस्थान - शिलांग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं में रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं।

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आईआईएम-शिलांग में इनक्यूबेशन और एंटरप्राइज सपोर्ट सेंटर (आईईएससी) के अध्यक्ष संजीव काकोटी ने बताया कि इस एमओयू के तहत छोटी अवधि के पाठ्यक्रम, संकाय आदान-प्रदान, बुनियादी ढांचे की साझेदारी के जरिए शोध, उद्यमशीलता और एमएसएमई विकास जैसे कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

आईआईएम-शिलांग के अध्यक्ष एस के बाजोरिया ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें उत्तर-पूर्व में आत्मनिर्भरता की जरूरत है... जाति, पंथ या रंग के भेदभाव के बिना।’’

संस्थान के निदेशक डी पी गोयल ने कहा, ‘‘आईआईएम शिलांग का एक उद्देश्य पूर्वोत्तर के लोगों को रोजगार और उद्यमशीलता क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करना है। आईआईएम शिलांग और डिक्की युवाओं को एक सफल उद्यमी बनाने में मदद करेंगे।’’

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डिक्की के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कुमार नर्रा ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं में उद्यमिता की भावना को जगाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘... हमारे लोग एयरोस्पेस, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में हैं। हम पिछले 15 वर्षों में लगभग एक लाख एससी और एसटी उद्यमियों से जुड़ सके हैं और हमारा प्रयास लगातार जारी है।’’

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

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