पणजी। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि अमेजन प्राइम की सीरीज ‘द फैमिली मैन’ में श्रीकांत तिवारी की भूमिका निभाने के लिए उन्हें किसी संदर्भ की जरूरत नहीं थी क्योंकि उसके लिए उन्हें केवल खुद को और अपने आसपास के लोगों को देखना था। साथ ही, मध्यम वर्ग से नाता रखने के कारण श्रीकांत तिवारी की भूमिका निभाने में उन्हें काफी मदद मिली।
‘सत्या’, ‘शूल’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले बाजपेयी श्रीकांत तिवारी के किरदार से देशभर में घर-घर में मशहूर हो गए थे। सीरीज में तिवारी एक ऐसा अधिकारी था, जो अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी में संतुलन बैठाने की कोशिश करता है।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के दौरान अभिनेता ने कहा कि देश में मध्यमवर्ग से नाता रखने वाले किसी शख्स को ऐसा किरदार निभाने की प्रेरणा के वास्ते किसी और की तरफ़ देखने की जरूरत नहीं है। बाजपेयी (52) ने कहा, ‘‘ हम मध्यम वर्म से नाता रखते हैं। हमें किसी और से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है, हम खुद ही इसके उदाहरण हैं। मुझे श्रीकांत तिवारी का किरदार निभाने के लिए न तो किसी से प्रेरणा लेने की जरूरत हुई, न ही मुझे किसी और पर गौर करना पड़ा। मुझे बस खुद को देखना था और श्रीकांत को खुद में तलाशना था। मुझे अपने पिता, अपने भाई की जिंदगी या अपने पड़ोसियों की जिंदगी पर गौर करना था और श्रीकांत तिवारी सभी ओर था।’’
अभिनेता ने कहा, ‘‘ वे वही लोग हैं, जो अपने कार्यालय पहुंचने के लिए रोज सुबह पांच बजे ट्रेन पकड़ते हैं और फिर घर वापस आने के लिए भी ट्रेन में सफर करते हैं। वे सभी श्रीकांत तिवारी हैं। यही प्ररेणा थे और मुझे खुद भी इसका काफी अनुभाव था। इसलिए मध्यम वर्ग से नाता रखने के कारण मुझे श्रीकांत तिवारी की भूमिका निभाने में काफी मदद मिली।’’ बाजपेयी ने ‘क्रिएटिंग कल्ट आइकॉन : इंडियाज ओन जेम्स बॉन्ड (007) विद द फैमिली मैन’ विषय पर चर्चा के दौरान वीडियो कॉल के जरिए यह बात कही। इफ्फी का आयोजन गोवा में किया जा रहा है।