नई दिल्ली। रेलवे ने आम लोगों के लिए एक निर्देश जारी किया है। निर्देश में रेलवे ने कहा है कि रेल लाइन को पार कर अपनी जिंदगी खतरे में न डालें। अगर ऐसा करते पकड़े गए तो जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। अवैध तरीके से रेल लाइन पार करना जुर्म की श्रेणी में आता है और इस पर 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। इस गलती के लिए 6 महीने की सजा और साथ में 1000 रुपये जुर्माना या कारावास और जुर्माना दोनों एक साथ भुगतना पड़ सकता है।
रेल लाइन पार करना दंडात्मक अपराध है
इंडियन रेलवे एक्ट, 1989 के तहत रेलवे लाइनों का अतिक्रमण दंडात्मक अपराध है। इसमें गलती करने वाले पर 1000 रुपये का जुर्माना या 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है। किसी खास परिस्थिति में जेल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। ऐसे में रेलवे कहा है कि इससे बचने के लिए लोग रेलवे फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करें। इससे सुरक्षा की गारंटी मिलती है और कानूनों का उल्लंघन भी नहीं होता। धारा 147 के तहत रेल पटरी पार करने पर 6 महीने की जेल और 1 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
दर दिन 40 लोगों की होती है मौत
बतादें कि एक आंकड़े के मुताबिक हर दिन औसतन 40 लोगों की मौत रेल पटरी पार करने के दौरान होती है। एक आंकड़ा बताता है कि साल 2015-17 के बीज इस घटना में लगभग 50,000 लोगों की मौत हो गई। ये मौतें रेल लाइनों को अवैध तरीके से पार करने, सुरक्षा के निर्देशों का उल्लंघन करने, ओवरब्रिज का इस्तेमाल न करने, ट्रैक पार करते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से हुईं।
रेलवे मानव रहित क्रॉसिंग को खत्म कर रहा है
रेल विभाग देश में मानव रहित रेल क्रॉसिंग को तेजी से खत्म कर रहा है और इसके लिए टेक्नोलॉजी आधारित सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बावजूद रेल पटरियों को पार करने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। रेल पटरी के अतिक्रमण को रोकने के लिए रेल विभाग की तरफ से ओवरब्रिज, अंडरग्राउंड सबवे और फुट ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं ताकि रेलवे ट्रैक को पार करने से बचा जा सके।
बीमा का भी नहीं मिलता है लाभ
बतादें कि अगर रेल पटरी पार करते हुए किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे बीमा का भी लाभ नहीं मिलता है। जीवन बीमा में इस एक्सिडेंटल कवर को नहीं रखा गया है। इसका कारण यह है कि रेल पटरी ट्रेन के चलने के लिए है न कि आम लोगों को पार करने के लिए।