CG IAS Returned Central Deputation: छत्तीसगढ़ का जाना पहचाना नाम और सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाले आईएएस अमित कटारिया की प्रदेश में वापसी हो गई है। वे सेंट्रल डेपुटेशन से वापस लौट आए हैं। कटारिया ने मंत्रालय में अपनी आमद दे दी है।
वह करीब सात साल छत्तीसगढ़ (CG IAS Returned Central Deputation) से बाहर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में वेतन के रूप में एक रूपए भी वेतन लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को गेटआउट भी कह दिया था। इसी तरह पीएम के सामने चश्मा पहने ही चले गए थे। इससे वे सबसे ज्यादा विवादों में आए थे।
सेवा मानकर की थी जॉब
सात साल पहले जब अमित कटारिया छत्तीसगढ़ (CG IAS Returned Central Deputation) में पोस्टेड थे तब उनकी चर्चा हमेशा रहती थी। वे पहले जितने भी समय प्रदेश में रहे, चर्चा में रहे। उन्होंने शुरू-शुरू में सरकार से वेतन सिर्फ 1 रुपया लिया था। वह अपनी जॉब को सेवा मानकर ही करते थे।
पीएम के सामने चश्मा पहनने पर नोटिस
बता दें कि आईएएस (CG IAS Returned Central Deputation) अमित कटारिया का सबसे बड़ा कंट्रोवर्सी विवाद तब सामने आया था, जब वे पीएम नरेंद्र मोदी से चश्मा लगाकर मिलने पहुंचे थे। पीएम से काला चश्मा लगाकर मिलने के ऐवज में उन्हें नोटिस दिया गया था। 2017 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आईएएस अमित कटारिया 2004 बैच के अधिकारी हैं। वे रायपुर, बस्तर में प्रमुख पदों पर रहे।
उस दिन 2015 में ये हुआ था
पीएम साल 2015 मई में बस्तर आए थे। उस समय सीएम डॉ. रमन सिंह थे। इस दौरान बस्तर कलेक्टर अमित कटारिया (CG IAS Returned Central Deputation) पीएम का स्वागत करने जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ डॉ. रमन सिंह भी थे। उस समय कटारिया ने उनसे हाथ मिलाकर स्वागत किया, इस दौरान वे चश्मा लगाए हुए थे। इस पर उस समय के मुख्यमंत्री ने इसे प्रोटोकाल का उल्लंघन बताया था, इस पर नोटिस जारी किया गया था।
2011 में ऑफिस से बीजेपी नेता को भागाया
साल 2011 में अमित कटारिया (CG IAS Returned Central Deputation) रायगढ़ जिले में कलेक्टर थे। उस दौरान उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता रोशनलाल अग्रवाल को अपने ऑफिस में डांट दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने उन्हें गेट आउट कहकर वहां से भगा दिया।
बीजेपी नेता कलेक्टर से मिलने रायगढ़ के जूटमिल क्षेत्र में गौरवपथ बनाने के दौरान अतिक्रमण हटाने के मामले में पीड़ितों का पक्ष रखा था। इससे पहले 2009 में नगर निगम कमिश्नर रहते कटारिया की एक बैठक के दौरान मेयर और बीजेपी नेता सुनील सोनी से तीखी बहस हुई थी। रायपुर में भी वे कई बार बीजेपी नेताओं से इसी तरह से भिड़े।
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कारोबारी परिवार से हैं कटारिया
आईएएस कटारिया (CG IAS Returned Central Deputation) कारोबारी परिवार से वास्ता रखते हैं। वे गुड़गांव निवासी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग आईआईटी दिल्ली से की। लाखों का पैकेज ठुकराकर वे आईएएस बने। कटारिया की पत्नी प्रोफेशनल पायलट हैं। उनका रियल स्टेट का व्यवसाय है, कई कॉम्प्लेक्स और शॉपिंग मॉल भी बताए जाते हैं।
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