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Maharashtra Politics: भतीजे के तंज पर चाचा का पलटवार, ‘‘चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के’ काम के बिल्कुल मजबूत

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सेवानिवृत्ति संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह ‘‘चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के’’, अभी भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।

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Bansal News
Maharashtra Politics: भतीजे के तंज पर चाचा का पलटवार, ‘‘चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के’  काम के बिल्कुल मजबूत

नई दिल्ली/मुंबई।  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट के बाद उस पर नियंत्रण के लिए खींचतान तेज होने के बीच शरद पवार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने भतीजे एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सेवानिवृत्ति संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह ‘‘चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के’’, अभी भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।

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पवार ने यह टिप्पणी यहां राकांपा कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद की। पार्टी कार्यसमिति ने उनके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया और अजित पवार और आठ अन्य विधायकों, प्रफुल्ल पटेल तथा सुनील तटकरे (दोनों सांसदों) को निष्कासित करने संबंधी उनके फैसले का समर्थन किया।

जानें अब तक क्या हुआ

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हाथ मिलाने वाले प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और नौ अन्य को पार्टी से निष्कासित करने संबंधी फैसले को कार्यसमिति ने मंजूरी दी। बैठक के बाद 82 वर्षीय पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राकांपा का अध्यक्ष मैं ही हूं।’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार के बहुमत होने के दावे पर ‘‘सच्चाई सामने आ जाएगी’’। राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने दावा किया है कि पार्टी के 42 से 43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन में हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा के 53 सदस्य हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राकांपा से जुड़े संकट के बीच बृहस्पतिवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की।

राहुल गांधी ने दिखाई एकजुटता

सूत्रों का कहना है कि पवार के आवास पर इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने उनके साथ एकजुटता प्रकट की। राकांपा में टूट के बाद किसी राष्ट्रीय नेता की शरद पवार से यह पहली मुलाकात थी। विपक्षी नेताओं सोनिया गांधी, एम. के. स्टालिन और ममता बनर्जी सहित अन्य ने पवार को फोन किया और एकजुटता व्यक्त की। अजित पवार द्वारा सेवानिवृत्ति को लेकर किये गये तंज के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में शरद पवार ने कहा, ‘‘रुकने का सवाल ही नहीं उठता। अब, मैं और अधिक प्रभावी ढंग से काम करूंगा, चाहे मैं 82 का हूं या 92 का, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

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अजीत पवार ने दिया था बयान

’ उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को कहा था, ‘‘आप (शरद पवार) 82-83 के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हर किसी की अपनी पारी होती है।’’संवाददाता सम्मेलन में, शरद पवार ने उन दावों को खारिज कर दिया कि टूट के बाद राकांपा की ताकत कम हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘कम होने से आपका क्या मतलब है? ऐसा अन्य राजनीतिक दलों में भी हुआ है, इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी कमजोर हो गई है। जैसा कि मैंने कहा था कि हम अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे।’’

27 इकाइयों ने की प्रस्ताव का समर्थन

राकांपा के वरिष्ठ नेता पी. सी. चाको ने कहा कि पार्टी की 27 राज्य इकाइयों ने कार्यसमिति द्वारा पारित आठ सूत्री प्रस्ताव का समर्थन किया है। पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने कहा कि शरद पवार द्वारा बुलाई गई राकांपा कार्यसमिति की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है। अजित की ओर से एक बयान में कहा गया है, ‘‘विभिन्न खबरों से पता चला है कि शरद पवार ने आज नई दिल्ली में राकांपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों की बैठक बुलाई है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘राकांपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बहुमत के साथ-साथ विभिन्न संगठनात्मक पदों पर काम करने वाले सदस्यों के भारी समर्थन से अजित पवार को 30 जून, 2023 को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।’’

जाने निवार्चन आयोग का बयान

बयान में कहा गया है कि अजित ने निर्वाचन आयोग के समक्ष एक याचिका भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि वह मूल राकांपा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाए।’’मूल राकांपा के प्रतिनिधित्व के बारे में एक सवाल को लेकर बयान में कहा गया है, ‘‘यह निर्वाचन आयोग के विशेष अधिकार क्षेत्र में है और इसलिए जब तक इस संबंध में आयोग कोई फैसला नहीं ले लेता, पार्टी के भीतर किसी भी व्यक्ति के पास राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों की किसी भी बैठक को बुलाने का कोई अधिकार नहीं है।’’

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बयान में कहा गया है, ‘‘इसलिए, आज राकांपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘तथाकथित राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का कोई वैध कानूनी आधार नहीं होगा और यह पार्टी में किसी के लिए बाध्यकारी नहीं होगा।’’

शरद पवार ने सवालों को किया खारिज

शरद पवार ने कार्यसमिति की बैठक की कानूनी वैधता पर अजित गुट द्वारा उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कार्यसमिति की यह बैठक संविधान के मुताबिक हुई है। अगर किसी ने कुछ कहा है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है या इसका कोई मतलब नहीं है।’’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि राकांपा नेता अजित पवार को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से शिवसेना में कोई भी अप्रसन्न नहीं है। शिंदे ने उन खबरों को ‘‘विपक्ष द्वारा फैलाई गई अफवाहें’’ बताया जिनमें कहा गया है कि अजित पवार और राकांपा के आठ अन्य विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा नेता का बयान

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अपनी पार्टी के हाल के घटनाक्रम पर भाजपा की आलोचना करने के बजाय शरद पवार को आत्म-निरीक्षण करना चाहिए तथा अपने परिवार एवं (पार्टी) संगठन की फिक्र करनी चाहिए। राकांपा संस्थापक शरद पवार द्वारा भाजपा की आलोचना किये जाने के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए बावनकुले ने कहा, ‘‘ आज आपकी क्या स्थिति है?.... आपकी पार्टी आपके साथ नहीं है, पार्टी कार्यकर्ता आपको छोड़कर जा रहे हैं।

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केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं हैं। आपकी स्थिति इतनी खराब है कि आपका परिवार आपसे दूर जा रहा है। इससे अधिक बुरी स्थिति क्या हो सकती है?’’ अन्य मुद्दों पर बात करते हुए, शरद पवार ने विश्वास जताया कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को हराने में सफल होंगे।

सरकार के बचे है 11 महीने

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार विपक्ष को कमजोर करने के लिए हर जगह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है। इस सरकार के लगभग 11 महीने बचे हैं। फिर हम चुनाव का सामना करेंगे और स्थिति बदल जाएगी। तब हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता उचित बदलाव करना होगा।’’शरद पवार ने निर्वाचन आयोग पर भी भरोसा जताया, जहां दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों ने मूल राकांपा और उसके चुनाव चिह्न पर दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें निर्वाचन आयोग पर पूरा भरोसा है। हम निर्वाचन आयोग से संपर्क करेंगे। हम कानूनी स्थिति के बारे में स्पष्ट हैं। अगर कुछ भी प्रतिकूल होता है तो हम उचित प्राधिकार के पास जाएंगे। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि चीजें उस स्थिति तक पहुंचेंगी।’’

2024 में बदल जाएगी सरकार

शरद पवार कहा, ‘‘कुछ लोगों ने पार्टी में सेंध लगाने की कोशिश की, लेकिन हमारे सभी सहयोगियों ने दृढ़ संकल्प दिखाया और पार्टी को अधिक ताकत और जोश के साथ फिर से खड़ा करने के लिए उनका मनोबल ऊंचा है।’’ शरद पवार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 2024 में महाराष्ट्र में सरकार बदल जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अब सत्ता का आनंद ले रहे हैं, उन्हें जनता द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। जिस तरह से उन्होंने विपक्ष के साथ व्यवहार किया है, उसके लिए उन्हें कीमत चुकानी होगी।’’

गठबंधन की अटकलें हुई तेज

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अभिजीत पानसे ने बृहस्पतिवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत से मुलाकात की, जिससे महाराष्ट्र में बदली राजनीतिक स्थिति के बीच राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गईं। पानसे ने कहा कि वह निजी काम के लिए राउत से मिले थे। बाद में राउत ने कहा कि उन्होंने राजनीति पर चर्चा नहीं की। महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित के जन्मदिन के मौके पर 22 जुलाई को ठाणे में राकांपा के अजित पवार गुट के कार्यालय का उद्घाटन किया जाएगा।

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