हाथ धोना तब-तब जरूरी होता है जब हम किसी ऐसी गतिविधि में शामिल होते हैं जिससे हमारे हाथों पर कीटाणु आ सकते हैं। खाना खाने से पहले और बाद में, खाना बनाते समय, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद और सार्वजनिक स्थानों से लौटने पर हाथ धोना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा बाहर से आने, जानवरों को छूने या कचरा फेंकने के बाद भी हाथों को अच्छे से साबुन और पानी से धोना चाहिए ताकि कीटाणुओं से बचा जा सके और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
हाथ धोने का सही तरीका
हाथ गीले करें: सबसे पहले अपने हाथों को साफ बहते पानी (गर्म या ठंडा) से गीला करें।
साबुन लगाएं: हथेली पर पर्याप्त मात्रा में साबुन या हैंड वॉश लें।
रगड़ें: दोनों हाथों को एक-दूसरे पर रगड़ें। हथेलियों को अच्छी तरह से रगड़ें और उंगलियों के बीच, नाखूनों के नीचे, और हाथ के पीछे के हिस्से को भी साफ करें। कम से कम 20 सेकंड तक ऐसा करें।
अच्छी तरह धोएं: बहते पानी से अपने हाथों को धोएं ताकि साबुन और कीटाणु पूरी तरह से हट जाएं।
हाथ सुखाएं: साफ तौलिए या एयर ड्रायर से हाथों को अच्छी तरह से सुखा लें।
नल बंद करें: यदि संभव हो तो नल को बंद करने के लिए पेपर टॉवल का उपयोग करें, ताकि फिर से गंदगी न लगे।
हाथ धोने से जुड़े कुछ मिथक
सिर्फ पानी से हाथ धोना काफी है
यह एक आम मिथक है। केवल पानी से हाथ धोने से कीटाणु पूरी तरह से साफ नहीं होते। हाथों की सही सफाई के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल जरूरी है, ताकि बैक्टीरिया और वायरस प्रभावी रूप से हटाए जा सकें।
हाथ साफ दिख रहे हैं तो धोने की जरूरत नहीं
कई बार हाथ साफ दिखते हैं, लेकिन उन पर अदृश्य कीटाणु होते हैं। इसलिए, भले ही हाथ गंदे न दिखें, उन्हें नियमित रूप से धोना चाहिए, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद।
हैंड सैनेटाइजर साबुन से ज्यादा प्रभावी होता है
यह मिथक है कि सैनिटाइजर हमेशा साबुन से बेहतर होता है। सैनिटाइजर तभी कारगर होता है जब उसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो और यह ग्रीस या गंदगी को साबुन जितना अच्छे से नहीं हटा सकता। इसलिए साबुन और पानी से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी है।
गर्म पानी से हाथ धोना जरूरी है
कई लोग सोचते हैं कि हाथ धोने के लिए गर्म पानी जरूरी है, लेकिन यह मिथक है। कीटाणुओं को मारने के लिए पानी का तापमान उतना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि साबुन और हाथ धोने की विधि महत्वपूर्ण है। ठंडे या गुनगुने पानी से भी ठीक से हाथ धोएं, तो कीटाणु हट सकते हैं।
हाथ धोने में ज्यादा समय बर्बाद होता है
कुछ लोग सोचते हैं कि बार-बार हाथ धोना समय की बर्बादी है। जबकि सच यह है कि हाथ धोने में केवल 20-30 सेकंड लगते हैं और यह छोटी-सी क्रिया कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती है। समय की बचत से ज्यादा जरूरी है स्वास्थ्य की सुरक्षा।
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