World Hand Hygiene Day: हमारे हाथ हर दिन कई वस्तुओं के संपर्क में आते हैं। इसमें दरवाजे के हैंडल, मोबाइल फोन, पैसे, और कंप्यूटर कीबोर्ड से लेकर खाने की चीजें तक शामिल हैं। इन्हीं संपर्कों के दौरान हमारे हाथों पर कई प्रकार के कीटाणु, बैक्टीरिया, और वायरस जमा हो जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
यदि इन कीटाणुओं से भरे हाथों को साफ नहीं किया गया, तो ये कई बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। भले आप सोचते होंगे कि सिर्फ साबुन से या हैंड वॉश से हाथ धोने पर कीटाणु चले जाते हैं लेकिन ये सही नहीं है।
कई बार कीटाणु हमें वायरल बुखार से लेकर बड़ी बीमारियों का शिकार बना सकते हैं।
सुबह से शाम तक हाथों पर कितने कीटाणु
सुबह से शाम तक हमारे हाथों पर हजारों कीटाणु जमा हो जाते हैं, क्योंकि हम दिनभर अलग-अलग सतहों और वस्तुओं को छूते रहते हैं। दरवाजे के हैंडल, मोबाइल फोन, पैसे, कंप्यूटर कीबोर्ड, और सार्वजनिक स्थानों की सतहों के संपर्क में आने से हाथों पर बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य हानिकारक कीटाणु जमा होते हैं।
ये कीटाणु विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं, खासकर जब हम अनजाने में इन गंदे हाथों को अपने चेहरे, मुंह, आंख या नाक पर लगाते हैं। इसलिए, दिनभर हाथों की नियमित सफाई बेहद जरूरी है।
ये हो सकती है समस्या
गंदे हाथों के माध्यम से कई बीमारियां फैलती हैं, जैसे कि सर्दी-ज़ुकाम, फ्लू, डायरिया, और त्वचा से संबंधित संक्रमण। यदि हाथों को साफ नहीं किया जाए और इन्हें मुंह, आंख या नाक के संपर्क में लाया जाए, तो ये कीटाणु आसानी से शरीर के अंदर जा सकते हैं।
यह न केवल आपकी सेहत को प्रभावित करता है, बल्कि दूसरों में भी बीमारी फैलने का कारण बन सकता है।
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कब-कब हाथ धोना जरूरी
हाथ धोना तब-तब जरूरी होता है जब हम किसी ऐसी गतिविधि में शामिल होते हैं जिससे हमारे हाथों पर कीटाणु आ सकते हैं। खाना खाने से पहले और बाद में, खाना बनाते समय, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद और सार्वजनिक स्थानों से लौटने पर हाथ धोना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा बाहर से आने, जानवरों को छूने या कचरा फेंकने के बाद भी हाथों को अच्छे से साबुन और पानी से धोना चाहिए ताकि कीटाणुओं से बचा जा सके और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
हाथ धोने का सही तरीका
हाथ गीले करें: सबसे पहले अपने हाथों को साफ बहते पानी (गर्म या ठंडा) से गीला करें।
साबुन लगाएं: हथेली पर पर्याप्त मात्रा में साबुन या हैंड वॉश लें।
रगड़ें: दोनों हाथों को एक-दूसरे पर रगड़ें। हथेलियों को अच्छी तरह से रगड़ें और उंगलियों के बीच, नाखूनों के नीचे, और हाथ के पीछे के हिस्से को भी साफ करें। कम से कम 20 सेकंड तक ऐसा करें।
अच्छी तरह धोएं: बहते पानी से अपने हाथों को धोएं ताकि साबुन और कीटाणु पूरी तरह से हट जाएं।
हाथ सुखाएं: साफ तौलिए या एयर ड्रायर से हाथों को अच्छी तरह से सुखा लें।
नल बंद करें: यदि संभव हो तो नल को बंद करने के लिए पेपर टॉवल का उपयोग करें, ताकि फिर से गंदगी न लगे।
हाथ धोने से जुड़े कुछ मिथक
सिर्फ पानी से हाथ धोना काफी है
यह एक आम मिथक है। केवल पानी से हाथ धोने से कीटाणु पूरी तरह से साफ नहीं होते। हाथों की सही सफाई के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल जरूरी है, ताकि बैक्टीरिया और वायरस प्रभावी रूप से हटाए जा सकें।
हाथ साफ दिख रहे हैं तो धोने की जरूरत नहीं
कई बार हाथ साफ दिखते हैं, लेकिन उन पर अदृश्य कीटाणु होते हैं। इसलिए, भले ही हाथ गंदे न दिखें, उन्हें नियमित रूप से धोना चाहिए, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद।
हैंड सैनेटाइजर साबुन से ज्यादा प्रभावी होता है
यह मिथक है कि सैनिटाइजर हमेशा साबुन से बेहतर होता है। सैनिटाइजर तभी कारगर होता है जब उसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो और यह ग्रीस या गंदगी को साबुन जितना अच्छे से नहीं हटा सकता। इसलिए साबुन और पानी से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी है।
गर्म पानी से हाथ धोना जरूरी है
कई लोग सोचते हैं कि हाथ धोने के लिए गर्म पानी जरूरी है, लेकिन यह मिथक है। कीटाणुओं को मारने के लिए पानी का तापमान उतना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि साबुन और हाथ धोने की विधि महत्वपूर्ण है। ठंडे या गुनगुने पानी से भी ठीक से हाथ धोएं, तो कीटाणु हट सकते हैं।
हाथ धोने में ज्यादा समय बर्बाद होता है
कुछ लोग सोचते हैं कि बार-बार हाथ धोना समय की बर्बादी है। जबकि सच यह है कि हाथ धोने में केवल 20-30 सेकंड लगते हैं और यह छोटी-सी क्रिया कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती है। समय की बचत से ज्यादा जरूरी है स्वास्थ्य की सुरक्षा।
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