Nipah Virus Different From Corona Virus: दुनिया में कोरोना वायरस का कहर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और दूसरी ओर जानलेवा निपाह वायरस ने सनसनी मचा दी है।
यह वायरस भारत में दस्तक दे चुका है और केरल में इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसा वायरस है जो जानवरों और पक्षियों के जरिए इंसानों में फैलता है।
बता दें कि अगर निपाह वायरस की तुलना कोरोना वायरस से की जाए तो निपाह वायरस को कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक बताया जाता है क्योंकि इसका न तो कोई इलाज है और न ही इसकी रोकथाम या इलाज के लिए अब तक कोई वैक्सीन बनी है।
आइए जानते हैं कि निपाह वायरस क्या है, यह कैसे फैलता है, इसके खतरे और लक्षण क्या हैं।
जानवरों से इंसानो में फैल रहा है निपाह वायरस
निपाह वायरस दरअसल एक ऐसा वायरस है जो सूअरों और चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। इन संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने पर यह वायरस मानव शरीर पर हमला करता है।
यह इन जानवरों द्वारा खाए गए फलों को खाने से भी फैल सकता है। जिस घर में निपाह वायरस से संक्रमित कोई मरीज है, उस घर के अन्य सदस्य भी इस घातक वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस संबंधी बीमारियों के साथ-साथ एन्सेफलाइटिस जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि निपाह वायरस के हमले के बाद मरीज में 5 से 14 दिन के अंदर लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।
कई बार ऐसा भी होता है कि संक्रमित व्यक्ति को निपाह वायरस होने के बावजूद भी लंबे समय तक उसमें कोई लक्षण नजर नहीं आते।
निपाह वायरस के इन लक्षणों से रहें सावधान
निपाह वायरस से सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही बचा जा सकता है क्योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिल पाया है।
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले तेज बुखार और सिरदर्द होने लगता है। इसके सामान्य लक्षण हैं गले में खराश, खांसी, अधिक नींद, कमजोरी और थकान महसूस होना और मांसपेशियों में दर्द।
अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और दिमाग में सूजन आ जाती है जिसके कारण कुछ ही दिनों में व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
कोरोना वायरस से कितना अलग है निपाह वायरस?
अगर दोनों वायरस की तुलना की जाए तो संक्रामकता के मामले में निपाह कोरोना से कम तेजी से फैल रहा है।
वहीं अगर मृत्यु दर की बात करें तो निपाह से होने वाली मृत्यु दर कोरोना की तुलना में कम है। वहीं, अगर शरीर पर इसके असर की बात करें तो कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को फेफड़ों की वजह से ही ज्यादा परेशानी होती है।
वहीं निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क में सूजन आ सकती है और वह कोमा में भी जा सकता है।
कितनी तेजी से फैलता है निपाह वायरस ?
अगर कोरोना वायरस से तुलना की जाए तो निपाह वायरस कम संक्रामक है। इसकी संक्रमण दर कम है लेकिन इसकी मृत्यु दर कोरोना से अधिक है और यह अधिक घातक भी है।
बांग्लादेश की बात करें तो निपाह वायरस को एक मौसमी बीमारी के रूप में देखा जाता है जो अक्सर दिसंबर से मई के बीच फैलती है।
यात्रियों को बरतनी होगी विशेष सावधानी
यदि आप यात्री हैं तो आपको निपाह वायरस से संक्रमित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर आप फिर भी वहां जाना चाहते हैं तो पहले अपना टेस्ट करा लें.
अगर आप कन्टेनमेंट जोन में या उसके आसपास यात्रा कर रहे हैं तो आपको किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
नियमित रूप से हाथ धोते रहें। जानवरों के संपर्क में आने से बचें. उन जगहों पर जाने से बचें जहां सूअर या चमगादड़ हों। जमीन पर गिरे कच्चे फल, फलों का रस, खजूर का रस आदि पीने से बचें।
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