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मेंटल हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है MD का नशा: हो सकती है ये गंभीर मानसिक बीमारी

Mental Health: मेंटल हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है MD का नशा: हो सकती है ये गंभीर मानसिक बीमारी

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Preeti Dwivedi
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Mental Health: उच्च शिक्षा प्राप्त 24 वर्षीय दीपांशु (परिवर्तित नाम) एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत था। परिवार और दोस्तों के बीच उसका जीवन सामान्य था। कुछ महीने पहले, एक पार्टी के दौरान उसे उसके दोस्तों ने पहली बार MD यानी मेथाइलडायऑक्सी-मेथामफेटामाइन (Methyldioxy-methamphetamine)  ड्रग का सेवन करने के लिए उकसाया।

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पहली बार इसे लेने से उसे एक "उत्साह और आनंद" का अनुभव हुआ, जिसने उसके मस्तिष्क को एक अजीब तरह के आकर्षण में जकड़ लिया। धीरे-धीरे, यह प्रयोग नियमित हो गया।

अगले तीन महीनों में दीपांशु का जीवन बदल गया। उसे अचानक से अत्यधिक चिंता, घबराहट और उग्रता के दौरे पड़ने लगे।

काम में उसकी क्षमता कम होने लगी, रिश्तों में तनाव बढ़ा और मानसिक रूप से वह अलग-थलग महसूस करने लगा। एक दिन, उसे अचानक गंभीर मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा और उसके परिवार ने उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने का निर्णय लिया।

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मनोचिकित्सा परीक्षण से पता चला, कि दीपांशु का मानसिक स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो चुका था। MD ड्रग के नियमित उपयोग ने उसे साइकोसिस (psychosis)  जैसी गंभीर मानसिक स्थिति में पहुंचा दिया था, जिसके कारण वह वास्तविकता से दूर एक विकृत संसार में जी रहा था। उसे तुरंत ड्रग्स से दूर रहकर नशामुक्ति और मनोवैज्ञानिक उपचार की आवश्यकता पड़ी।

MD, जिसे एक्स्टेसी या मॉली भी कहा जाता है, एक सिंथेटिक नशीला पदार्थ है जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन, डोपामिन और नॉरएड्रेनालिन के स्तर को अस्थायी रूप से बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति को अत्यधिक खुशी, ऊर्जा और संवेदनशीलता का अनुभव होता है।

हालांकि, इसका प्रभाव समाप्त होने के बाद व्यक्ति को अत्यधिक थकान, अवसाद, और मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।

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मनोचिकित्सक के रूप में, मैंने देखा है कि MD ड्रग के दीर्घकालिक उपयोग से गंभीर मानसिक रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें चिंता विकार, अवसाद, स्मृतिलोप (Memory Loss) और यहां तक कि साइकोसिस शामिल है। कई बार इसका सेवन मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली में स्थायी परिवर्तन कर देता है, जिससे व्यक्ति की सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता बाधित हो जाती है।

MD ड्रग के अवैध कारोबार को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। ड्रग्स की उपलब्धता और तस्करी को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानूनों और प्रवर्तन तंत्र की जरूरत है।

साथ ही, समाज की भी जिम्मेदारी है, कि वह अपने युवाओं को नशीली दवाओं के खतरों से जागरूक करें। परिवार, स्कूल और कॉलेज में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। ड्रग्स के सेवन से होने वाले मानसिक और शारीरिक खतरों के बारे में युवाओं को शिक्षित करना आज समय की मांग है।

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युवा पीढ़ी को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। उन्हें यह समझना चाहिए, कि नशीली दवाओं का सेवन न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि उनके करियर (Career), रिश्तों और भविष्य को भी बर्बाद कर सकता है।

अगर किसी व्यक्ति में नशीली दवाओं के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत मनोवैज्ञानिक सहायता और चिकित्सा प्रदान की जानी चाहिए। प्रारंभिक हस्तक्षेप से कई गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है।

परिवार और समाज को नशे की चपेट में आए व्यक्तियों का साथ देना चाहिए। उनका बहिष्कार करने की बजाय, उन्हें सही मार्गदर्शन और चिकित्सा सहायता मिलनी चाहिए।

प्रशासन को नशामुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए और ड्रग्स की तस्करी और उपयोग को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने चाहिए।

MD ड्रग एक गंभीर मानसिक और शारीरिक खतरा है। इसका प्रभाव न केवल व्यक्ति के जीवन पर, बल्कि समाज पर भी पड़ता है। हमें इसे रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है।

युवा पीढ़ी को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य प्रदान करने के लिए सभी को मिलकर इस नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। जागरूकता, शिक्षा, और सहयोग ही हमें इस जहर से दूर रख सकते हैं।

(लेखक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी वरिष्ठ मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक विश्लेषक हैं)

dr satyakant trivedi Methyldioxy-methamphetamine psychosis
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