Hospital Charges Hike: देश में कोरोना वायरस से स्थिति में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है वही पर इस बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सरकार की स्वास्थ्य योजना-सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत परामर्श शुल्क और कमरे के किराए में बढ़ोतरी की है। जिसमें कई अस्पताल की कई सेवाओं के लिए अब ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है।
42 लाख अस्पतालों को मिलेगा छूट में फायदा
आपको बताते चलें कि, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजनाओं के तहत सरकार प्राइवेट अस्पतालों में छूट के साथ इलाज कराने की सुविधा होती है। जिसके दायरे में 42 लाख रजिस्टर्ड लोग प्राइवेट अस्पताल आते है जिन्हें छूट के साथ इलाज कराने की सुविधा होती है। बताते चलें कि, इस CGHS योजना के तहत किन सेवाओं पर कितना पैसा बढ़ाया है आइए जानते है।
- ओपीडी परामर्श शुल्क को 150 से बढ़ाकर 350 किया गया है
- आईपीडी परामर्श शुल्क 50 रुपये बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है
- आईसीयू सेवाएं अब आवास सहित 5,400 रुपये प्रति दिन तय की गई है
- कमरे का किराया 1.5 गुना बढ़ा दिया गया है. सामान्य कमरों के लिए 1,500 रुपये, वार्डों के लिए 3,000 रुपये और निजी कमरों के लिए 4,500 रुपये कर दिया गया है।
पहले कब हुई थी बढ़ोत्तरी
आपको बताते चलें कि, पहले 2014 में स्वास्थ्य योजना-सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) योजना में आने वाली सेवाओं के लिए चार्ज में बढ़ोत्तरी की गई थी जिसके बाद अब किराया बढ़ाया गया है। बात करे तो, इस योजना के तहत केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं से 1,670 से अधिक निजी अस्पताल और 213 लैब्स लिस्टेड हैं. इसमें मेदांता, फोर्टिस, नारायण, अपोलो, मैक्स और मणिपाल जैसे कई प्रमुख हॉस्पिटल आते है। साल 2021 के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवाओं को कारगर बनाने के लिए CGHS को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आईटी प्लेटफॉर्म के तहत रजिस्टर्ड किया था।