हाइलाइट्स
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राजधानी में होली की तैयारी जोरों पर
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हजारों की तादात में लोग होंगे शामिल
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80% जगहों पर होगा गोकाष्ठ का होगा इस्तेमाल
Holi 2024: देश भर में होली की धूम है, राजधानी में जगह-जगह होलिका दहन की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। आपको बता दें कि शहर के 1500 से ज्यादा स्थानों पर होलिका दहन शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। इनमें से शाहपुरा स्थित शैतान सिंह चौराहा, कोटरा सुल्तानाबाद समेत 10 जगहों पर बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
Holi 2024: भोपाल के इन 1500 स्थानों पर होगा होलिका दहन, जानिए शुभ मुहूर्तhttps://t.co/TkA7CvGNWw
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हजारों की तादात में लोग होते हैं शामिल
सोमवारा पर होलिका दहन में पूरे इलाके के हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। पर्यावरण को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां पर इस बार 5 से 7 क्विंटल गोकाष्ठ का इस्तेमाल किया जाएगा।
होलिका दहन ये रहेगा शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि 24 मार्च को भद्रा काल का समय सुबह सूर्योदय से रात 10:36 तक रहेगा। इसके बाद होलिका दहन शुभ माना जाएगा। इस साल होलिका दहन (Holi 2024) का शुभ मुहूर्त 24 मार्च रविवार रात 10:36 बजे का है।
यहां किन्नर समाज के लोग होंगे शामिल
हर बार की तरह इस बार भी होलिका दहन (Holi 2024) भोपाल के मंगलवारा चौराहे पर धूम धाम से मनाया जाएगा। यहां पर किन्नर समाज के लोग भी पूजा करेंगे। यहां इस बार करीब 6 क्विंटल गोकाष्ठ का इस्तेमाल किया जाएगा।
होलिका दहन पर 80% जगहों पर गोकाष्ठ का इस्तेमाल
इस बार (Holi 2024) शहर में होलिका दहन में लकड़ियों का ज्यादा इस्तेमाल न कर 80 फीसदी तक होलिका दहन गोकाष्ठ से किया जाने वाला। जिससे होली का दहन के लिए सैकड़ों पेड़ कटने से बचेंगे। साथ ही पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
इस साल 8 हजार क्विंटल गोकाष्ठ का होगा इस्तेमाल
भोपाल शहर में इस बार होलिका दहन में गोकाष्ठ का उपयोग पिछले सालों की तुलना ज्यादा होगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस साल करीब 8 हजार क्विंटल तक गोकाष्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले साल 2022 में करीब 4 हजार क्विंटल गोकाष्ठ इस्तेमाल किया गया था। वहीं साल 2023 में यह संख्या 5058 क्विंटल तक रही थी। लेकिन इस साल (Holi 2024) शहर के लोग ज्यादा से ज्यादा गोकाष्ट का इस्तेमाल करेंगे।
राजधानी में सन् 1948 से हुई थी शुरुआत
राजधानी भोपाल में सार्वजनिक होलिका दहन की शुरुआत 1948 में पीपल चौक से हुई थी। हिंदू सभा ने 1950 में होली चल समारोह की शुरुआत मारवाड़ी रोड स्थित बांके बिहारी मंदिर से की थी।
आपको बता दें कि 75 सालों बाद अब भोपाल में सार्वजनिक स्थल पर होलिका दहन की संख्या 1500 को पार कर गई है।
पहले नवाबी रियासत के दौर में बड़े पैमाने पर भी होलिका दहन होता था। अब लोग घरों के आंगन या दरवाजे के आसपास छोटे स्तर पर करते थे।
रंगपंचमी चल समारोह 1952 में चौक से शुरू हुआ। शुरुआत में सराफा के कुछ व्यापारियों ने इंदौर की तर्ज पर इस चल समारोह की शुरुआत की थी। इसके बाद में 1965 में हिंदू उत्सव समिति ने दोनों चल समारोह का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया, जो अब तक चलता आ रहा है। लोग धूम-धाम से होली का पर्व मनाते आ रहे हैं।
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इन 10 स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग होते हैं शामिल
सोमवार मंदिर
सराफा बाजार
घोड़ा नक्कास
मंगलवारा
जुमेराती
इतवारा
शाहपुरा
कोटरा सुल्तानाबाद
दयानंद चौक
छोला