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हिमांगी सखी बनी पहली किन्नर जगतगुरु: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मिलेगी शंकराचार्य की उपाधि, 5 भाषाओं की हैं ज्ञाता

Himangi Sakhi Kinnar Jagatguru: हिमांगी सखी बनी पहली किन्नर जगतगुरु, प्रयागराज महाकुंभ में शंकराचार्य की उपाधि मिलेगी, पांच भाषाओं में सुनाती हैं भागवत कथा

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BP Shrivastava
Himangi Sakhi Kinnar Jagatguru

Himangi Sakhi Kinnar Jagatguru: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज यानी महाकुंभ से बड़ी खबर सामने आई है। देश की पहली किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी को अब जगतगुरु की उपाधि दी गई है। महाकुंभ में वह महिलाओं के परी अखाड़े में शामिल हो गई हैं। परी अखाड़े ने उन्हें जगतगुरु की पदवी देकर उनका पट्टाभिषेक किया है। महाकुंभ के आयोजन के दौरान उन्हें परी अखाड़े की तरफ से शंकराचार्य के पद पर भी विभूषित किया जाएगा। हिमांगी सखी पांच भाषाओं की ज्ञाता हैं और इन पांचों भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं।

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महाकुभ के बाद देशभर में निकालेंगी यात्राएं

जगतगुरु की पदवी से विभूषित होने के बाद हिमांगी सखी ने सनातन रक्षा यात्रा की शुरुआत भी कर दी है। वह अब प्रयागराज महाकुंभ के बाद देशभर में यात्राएं निकालकर सनातन धर्मियों को एकजुट होने की नसीहत देंगी। उन्हें आपस में बंटने पर कटने के अंजाम से रूबरू कराएंगी। जगतगुरु की पदवी पर पट्टाभिषेक होने के बाद उन्होंने कहा, उनकी जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है। वह सनातन के प्रचार-प्रसार और उसकी रक्षा को लेकर अब और ज्यादा सक्रिय होकर काम करेंगी।

जगतगुरु की उपाधि मिलने के बाद भक्तों ने की आरती

हिमांगी सखी के पट्टाभिषेक का कार्यक्रम महाकुंभ क्षेत्र में परी अखाड़े के आश्रम में आयोजित किया गया। इस मौके पर सबसे पहले परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता ने उन्हें फूलों की माला और चादर पहनाकर पट्टाभिषेक की शुरुआत की। इसके बाद समारोह में मौजूद दूसरी साध्वियों ने भी उनकी चादरपोशी की। इस मौके पर परी अखाड़े की साध्वियों के साथ ही कई दूसरे संत महात्मा और तमाम दूसरे लोग भी मौजूद थे। जगतगुरु की उपाधि मिलने के बाद भक्तों ने आरती कर माता हिमांगी सखी का स्वागत किया।

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'सनातन धर्म की रक्षा महिला संत भी पीछे नहीं'

इस मौके पर परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता ने कहा कि महाकुंभ में उनका अखाड़ा नारी सशक्तिकरण का बड़ा संदेश देने का काम करेगा। महाकुंभ के आयोजन के दौरान देश की तमाम महिला संतों को अलग-अलग पदों पर विभूषित किया जाएगा। उनका पट्टाभिषेक किया जाएगा। साध्वी त्रिकाल भवंता और जगतगुरु हिमांगी सखी के मुताबिक सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और उसकी रक्षा करने में महिला संत कतई पीछे नहीं रहेंगी, बल्कि वह और भी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों को निभाएंगी।

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पट्टाभिषेक के बाद निकली शोभायात्रा

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पट्टाभिषेक कार्यक्रम के बाद भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। इसमें परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता और जगतगुरु की पदवी पानी वाली हिमांगी सखी समेत तमाम महिला संत अलग-अलग रथों पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ भक्तों को दर्शन देने के लिए सड़कों पर निकली। यह शोभा यात्रा संगम क्षेत्र पहुंचकर संपन्न हुई।

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