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Himachal Pradesh Assembly Election 2022: आखिर क्यों चर्चा में आई फतेहपुर सीट ? ये विधायक लड़ेगें चुनाव

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Bansal News
Himachal Pradesh Assembly Election 2022:  आखिर क्यों चर्चा में आई फतेहपुर सीट ? ये विधायक लड़ेगें चुनाव

फतेहपुर।  Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में पोस्टर जंग, एक विवादित वीडियो क्लिप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अंदरूनी कलह ने कांगड़ा जिले की फतेहपुर सीट को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। फतेहपुर को पोंग बांध आर्द्रभूमि को लेकर जाना जाता है, जहां साइबेरिया (रूस) और उत्तरी चीन से प्रवासी पक्षी आते हैं। भाजपा द्वारा नूरपुर से अपने विधायक राकेश पठानिया को फतेहपुर से उम्मीदवार बनाये जाने के कारण यह सीट (फतेहपुर) सुर्खियों में है।

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जानें विधायक पठानिया के बारे में 

पठानिया कम से कम 15 पंचायत क्षेत्रों में अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं, जो 2012 के चुनावों से पूर्व किये गये परिसीमन से पहले नूरपुर सीट का हिस्सा थे। राज्यसभा के पूर्व सदस्य कृपाल परमार इस सीट से टिकट के लिए दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने को लेकर उन्हें चार अन्य बागियों के साथ भाजपा से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया। भाजपा 2003 से इस सीट से हारती आ रही है, सिवाय 2007 के, जब राजन सुशांत ने पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, दो साल बाद, 2009 के आमचुनाव में कांगड़ा सीट से सुशांत के निर्वाचित हो जाने के बाद कराये गये उपचुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों यह सीट गंवानी पड़ गई थी। पठानिया और परमार के बीच पोस्टर जंग होने को लेकर भी यह सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कांग्रेस द्वारा हाल में ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप जारी किये जाने के बाद एक विवाद पैदा हो गया।

पार्टी ने क्या किया दावा

पार्टी ने दावा किया है कि परमार के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज सुनी जा सकती है, जिसमें मोदी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव नहीं लड़ने के लिए भाजपा नेता पर दबाव बना रहे हैं और भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर रहे हैं। कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि मोदी राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। परमार के करीबी सहयोगी ने बताया कि यह वीडियो क्लिप 30 अक्टूबर का है। परमार ने कहा, ‘‘2017 का चुनाव मात्र 1,284 मतों के अंतर से हारने के बावजूद मुझे प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने दरकिनार कर दिया। मैं उम्मीद कर रहा था कि 2021 के उपचुनाव में मुझे टिकट दिया जाएगा, लेकिन पार्टी ने फिर से मुझे नजरअंदाज कर दिया और बलदेव ठाकुर को टिकट दिया।’’ उन्होंने कहा कि इस बार भी टिकट नहीं दिये जाने के चलते वह चुनाव नहीं लड़ने की सोच रहे थे, लेकिन पठानिया के अमर्यादित तौर-तरीकों को लेकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया। इस बीच, पठानिया ने पार्टी की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह के सभी दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस सीट पर सभी की सहमति वाला उम्मीदवार उतारा है।

भाजपा के सामने कड़ी चुनौती

बलदेव ठाकुर जैसे स्थानीय नेताओं को रेहान इलाके में एक रोड शो के दौरान उनके लिए वोट मांगते देखा गया। कांग्रेस के मजबूत गढ़ में इस बार भाजपा को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है। हिप्र में एक बड़ा वोट बैंक, सरकारी कर्मचारी नयी पेंशन योजना को लेकर नाराज हैं, वहीं बेरोजगारी और सेना मे भर्ती की अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं में असंतोष नजर आ रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार एवं मौजूदा विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि क्षेत्र में बेरोजगारी से निपटने के लिए उनकी तीन सूत्री योजना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पोंग बांध आर्द्रभूमि इलाके में पर्यटन के विकास के लिए काम करूंगा, एक औद्योगिक क्षेत्र बनवाउंगा और रेहान में सीवेज जैसी सुविधाएं प्रदान करूंगा।’’ फतेहपुर सीट पर चार निर्दलीय सहित आठ उम्मीदवार हैं। आम आदमी पार्टी ने भाजपा के पूर्व सांसद राजन सुशांत को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने 30 वर्षीय तिलक राज को टिकट दिया है। राज्य में 12 नवंबर को मतदान होना है।

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