नई दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के तहत उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने की बढ़ाई गई समय सीमा 26 जून, बस एक दिन दूर है।
हालाँकि, आवेदकों को एकीकृत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन जमा करने में कई तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
SC ने 4 महीने में आवेदन करने की अनुमति दी थी
पिछले साल 4 नवंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने उन कर्मचारियों को 4 महीने के भीतर ऐसा करने की अनुमति दी थी, जो 1 सितंबर 2014 से पहले ईपीएफओ का हिस्सा थे।
इसके साथ ही वो उक्त तिथि के बाद भी सेवा में बने रहे, लेकिन ईपीएस के तहत संयुक्त विकल्प का उपयोग नहीं कर सके।
तदनुसार, मूल समय सीमा 3 मार्च थी, जिसे दो बार बढ़ाया गया, पहले 3 मई और फिर 26 जून।
केंद्र सरकार दे सकती है तीसरा विस्तार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कर्मचारियों द्वारा भेजे गए अभ्यावेदन (Representations ) और एकीकृत पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार तीसरा विस्तार दे सकती है।
यह पेंशन फंड की सदस्यता से बाहर निकलने की तारीख तक 12 महीनों में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन के आधार पर किया जाएगा।
उनके लिए, सदस्यता की समाप्ति तक 60 महीनों की अंशदायी सेवा अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन को ध्यान में रखा जाएगा।
सेवानिवृत्ति पर बड़े कोष की नहीं है आवश्यकता
एचटी (Hindustan Times) के सहयोगी प्रकाशन मिंट से बात करते हुए, क्लियर टैक्स के संस्थापक-सीईओ, अर्चित गुप्ता ने कहा कि उच्च मासिक पेंशन आय (पूरी तरह से कर योग्य; ईपीएफ निकासी पूरी तरह से कर-मुक्त) की तलाश कर रहे करदाताओं को ईपीएस के लिए जाना चाहिए।
गुप्ता ने कहा, यह तब है जब उन्हें सेवानिवृत्ति पर बड़े कोष की आवश्यकता नहीं है, और वे मासिक भुगतान पसंद करेंगे।
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