Indore Bawadi Accident: रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी धंसने की खबर ने सभी को भौचक्का कर दिया था। बावड़ी हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक इस हादसे के जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं हादसे को लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई थी, जिसमें मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। मामले में मंगलवार 18 अप्रैल को सुनवाई हुई थी।
निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है?
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका में जांच अधिकारी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि इस मामले की निष्पक्ष मजिस्ट्रियल जांच संभव नहीं है। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वरिष्ठ एडवोकेट डॉ. मनोहर दलाल के द्वारा लगाई गई इस याचिका में सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया था कि जांच अधिकारी के पास ही निगम से 3 कर्मचारी काम कर रहे हैं। अपर कलेक्टर से लेकर अन्य राजस्व अधिकारियों के यहां नगर निगम के 47 ड्राइवर, कर्मचारी नि:शुल्क काम कर रहे हैं। इनके साथ ही बाकी राजस्व अधिकारियों के यहां भी निगम से सभी सेवाएं ले रहे हैं, तो ऐसे में निगम और निगमायुक्त के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? याचिका में तो जांच अधिकारी के यहां काम करने वाले निगम सेवादारों के नाम भी लिखे हुए हैं। इसके साथ ही कहा गया था कि हाईकोर्ट को खुद की निगरानी में इसकी जांच कराना चाहिए।
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कोर्ट ने लगाई फटकार
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि इतने बड़े हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर अब तक आपराधिक केस दर्ज क्यों नहीं किया गया। बावड़ी हादसे को लेकर कोर्ट ने कलेक्टर टी इलैया राजा और निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह में होगी।