नई दिल्ली। (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर के बाजारों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का संज्ञान लिया और पाया कि ऐसे उल्लंघन से संक्रमण की तीसरी लहर को बढ़ावा मिलेगा, जिसे बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन इस तरह जारी रहा तो, ‘‘ हम बड़ी मुश्किल में आ जाएंगे। ऐसा हुआ तो भगवान ही हमें बचा पाएगा।’’ अदालत ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को सख्त कदम उठाने, दुकानदारों को जागरूक करने और बाजार एवं विक्रेता संघ के साथ इस संबंध में बैठकें करने को भी कहा। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति आशा मेनन की अवकाशकालीन पीठ ने एम्स के एक डॉक्टर द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को व्हाट्सप्प पर भेजी तस्वीरों का संज्ञान लिया।
Delhi HC says there is a need for certain more strict measures required to be taken in the national capital to prevent further spread of COVID19 infection
— ANI (@ANI) June 18, 2021
दूसरी लहर में हमने बड़ी कीमत चुकाई
तस्वीरों में बाजारों में रेड़ी-पटरी वाले कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। पीठ ने पाया, ‘‘ दूसरी लहर में हमने बड़ी कीमत चुकाई है। शायद ही कोई ऐसा घर हो जो दूसरी लहर से प्रभावित ना हुआ हो…। शहर के नागरिक के तौर पर जब हम ऐसी तस्वीरें देखते हैं तो बेहद चिंतित हो जाते हैं।’’ पीठ ने कहा कि दूसरी लहर का कहर हम अभी भूले नहीं है, जिसमें कई लोगों को निजी नुकसान झेलना पड़ा था। ‘‘ ऐसे उल्लंघन से तीसरी लहर को बढ़ावा मिलेगा, जिसके आने का अनुमान है और इसे अनुमति नहीं दी जा सकती।’’ अदालत ने इन तस्वीरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका दायर की और केन्द्र , दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
रेड़ी-पटरी वालों से दिशा-निर्देश का पालन करवाए
यह देखते हुए कि लोगों को आगाह करने की जरूरत है लेकिन यह खुद उनके भीतर से आना चाहिए…अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख तय की और निर्देश दिया कि मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा। केन्द्र सरकार के स्थायी वकील अनिल सोनी और दिल्ली के अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने नोटिस स्वीकार किया और दोनों ने अदालत को आश्वासन दिया कि बाजारों में और रेड़ी-पटरी वालों से दिशा-निर्देश का पालन कराने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने कहा कि इस पर विचार किया जाना है कि क्या और कदम उठाए जाने की जरूरत है।
हमें तीसरी लहर को नहीं लाना
यह बाजार तथा विक्रेता संघों के साथ अधिक बातचीत और बाजारों तथा जहां फेरीवाले होते हैं, वहां पर अधिक नागरिक सुरक्षा तथा पुलिस कर्मियों को तैनात करके हो सकता है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि अदालत द्वारा व्यक्त की गई चिंता को अधिकारियों को बताया जाएगा, क्योंकि ‘‘ हम तीसरी लहर का जोखिम नहीं उठा सकते, तीसरी लहर नहीं आने दे सकते।’’ देश कोविड-19 की दूसरी लहर के कहर के बाद बंद किए गए बाजारों और औद्योगिक गतिविधियों को नए मामलों में कमी के बाद बहाल करने की दिल्ली सरकार ने हाल ही में अनुमति दी थी। इसके तहत शहर में बाजार सुबह 10 से रात आठ बजे तक ही खुल सकते हैं।