High Court On Adipurush: 16 जून से सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरूष पर बवाल का दौर जारी है वहीं पर फिल्म को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच मेकर्स पर फटकार लगा रही है। कोर्ट ने कहा कि, आप लोग धार्मिक ग्रंथों को बख्श दीजिए, मत करिए छेड़छाड़।
जानिए जस्टिस चौहान की टिप्पणी
यहां पर फिल्म पर बैन लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश सिंह चौहान और श्रीप्रकाश सिंह की खंड पीठ ने कहा , आप लोगों को कुरान, बाइबल को भी हाथ नहीं लगाना चाहिए. मैं ये क्लियर कर दूं कि किसी भी धर्म को मत टच कीजिए. किसी भी धर्म के बारे में गलत तरह से मत दिखाइए. कोर्ट का कोई धर्म नहीं है. हमारी चिंता केवल ये है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति बनी रहनी चाहिए।
कुरान पर बनाकर देखिए डॉक्यूमेंट्री
यहां पर आगे सुनवाई में कहा, फिल्ममेकर्स का काम केवल पैसा कमाना है. जस्टिस चौहान ने कहा, कुरान के बारे में छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बना दीजिए, जिसमें गलत दिखाया गया हो, फिर देखिए क्या हो सकता है. हालांकि, मैं एक बार फिर क्लियर कर दूं कि ये किसी एक धर्म के बारे में नहीं है. संयोग है कि ये मामला रामायण से जुड़ा है, वरना कोर्ट सभी धर्मों का है। फिल्म चलती है तो फिल्ममेकर्स पैसा कमाते हैं. ये बार-बार हो रहा है. प्रोड्यूसर को इस बार अदालत में आना होगा. ये कोई मजाक नहीं है।
सेंसर बोर्ड को लिया आड़े हाथ
यहां पर सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड को भी आड़े हाथ लेते हुए कोर्ट ने बताया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड के गंभीर सदस्यों ने प्रमाणपत्र दिया था. इस पर पीठ ने सेंसर बोर्ड मेंबर्स की तरफ इशारा करते हुए कहा, “आप कह रहे हैं कि संस्कार वाले लोगों ने इस फिल्म को सर्टिफाई किया है, जहां रामायण के बारे में ऐसा दिखाया गया है तो वे लोग भी धन्य हैं।” इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि, अगर हम लोग इस पर आंख बंद कर लें क्योंकि ये जाता है कि इस धर्म के लोग बहुत सहिष्णु हैं, तो क्या इसका टेस्ट लिया जाएगा।
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