MP News: मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती में एनसीसी सी सर्टिफिकेट का लाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट जबलपुर ने राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है, साथ ही 7 दिन में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट जबलपुर के जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में NCC’C’ सर्टिफिकेट धारकों को 5% प्राप्तांकों में छूट ना देने के मामले में प्रदेश सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग से सात दिन में जवाब मांगा (MP News) है।
याचिकाकर्ता का आरोप
हाईकोर्ट ने यह आदेश याचिकाकर्ता श्याम जन्म दुबे की याचिका पर दिया है, जिसमें उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग पर भर्ती प्रक्रिया में एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों को निर्धारित 5% छूट ना देने का आरोप लगाया (MP News) है।
याचिकाकर्ता के वकील ने क्या रखा पक्ष?
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि 29/02/ 2022 को राज्य सरकार द्वारा एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों को भर्ती प्रक्रिया में 5% अंकों की छूट देने का प्रावधान किया है, लेकिन इसे 29 सितंबर 2022 को हुई द्वितीय कॉउंसिल में लागू नहीं किया गया। इसके अलावा इस बैठक में कोर्ट की रोक के बावजूद ओबीसी आरक्षण की सीमा 14% से बढ़ाकर 27% कर दी गई और इसी आधार पर नियुक्तियां की गईं। इस वजह से भी नियुक्ति नहीं मिली। बताया गया कि याचिकाकर्ता को रिजल्ट में 90.07 अंक प्राप्त हुए थे, और यदि उसे एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट के 5% अंक और मिल जाते, तो कुल अंक 95.62 होते हैं, जबकि अंतिम नियुक्ति 94% अंक तक की गई थी या हुई। वकील का कहना है कि एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट के बावजूद छूट ना दिए जाने के कारण याचिकाकर्ता नियुक्ति पाने से वंचित रह (MP News) गए।
जस्टिस ने यह दिए आदेश
इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की, ताकि एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों को उनका न्यायोचित लाभ मिल सके। जस्टिस ने वकील से पूछा क्या पद रिक्त हैं? याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पद रिक्त हैं यह जानकारी आरटीआई के माध्यम से प्राप्त हुई हैं और सामान्य श्रेणी के 13% पदों को होल्ड किया गया है।
इसके बाद जस्टिस ने राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वे इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए सात दिन के भीतर जवाब प्रस्तुत (MP News) करें।
अगली सुनवाई पर तय होगा सी सर्टिफिकेट वालों को छूट दी जाए या नहीं
जानकारी के मुताबिक अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट यह तय करेगा कि एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों को 5% प्राप्तांकों में छूट दी जानी चाहिए या नहीं। यह मामला भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, आरक्षण की सीमाओं और कैंडिडेट्स के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक अहम मुद्दा बनकर उभर रहा (MP News) है।
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