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MP High Court News: बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर पिता को दुराचार के केस में फंसाया,‌ 12 साल जेल में रहने के बाद HC ने निरस्त की सजा

MP High Court News: छोला मंदिर थाना पुलिस ने जांच के बाद चालान पेश किया और सेशन कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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Rahul Sharma
MP High Court News: बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर पिता को दुराचार के केस में फंसाया,‌ 12 साल जेल में रहने के बाद HC ने निरस्त की सजा

   हाइलाइट्स

  • हाईकोर्ट ने कहा दुर्भाग्य है, पिता 12 साल से जेल में है
  • बेटी को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर पिता ने डांटा‌ था‌
  • कोर्ट ने कहा अभियोजन पक्ष मामला साबित‌ करने में विफल रहा
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जबलपुर। MP High Court News: बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर पिता को दुराचार के केस में फंसा दिया। बेगुनाह पिता 12 साल तक जेल में रहा।

मामले में अब हाईकोर्ट (MP High Court News) जबलपुर ने पिता की सजा निरस्त की। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि यह दुर्भाग्य है कि बेगुनाह पिता को 12 वर्ष जेल में सजा भोगनी पड़ी।

इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने भोपाल की अदालत के उस फैसले को निरस्त कर दिया जिसके तहत एक पिता को बेटी के दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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   बेटी को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष योग्यता के आधार पर अपना मामला स्थापित करने में पूरी तरह विफल रहा है।

हाईकोर्ट (MP High Court News) ने कहा कि पीड़िता ने खुद अपने बयान में यह कहा है कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था और जमकर डांट लगाई थी।

इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर पिता के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराया था।

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   भोपाल के छोला मंदिर थाने में दर्ज किया था केस

बता दें कि भोपाल के छोला मंदिर पुलिस थाने में 21 मार्च 2012 को पीड़िता ने अपने नाना के साथ जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 18 मार्च को उसके पिता ने दुष्कृत्य किया है।

पुलिस ने जांच के बाद चालान पेश किया और सेशन कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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   बेटी ने स्वीकारा- पिता डांट के बाद दर्ज कराई रिपोर्ट

बेगुनाह पिता ने 2013 में सजा के खिलाफ अपील पेश की। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता विवेक अग्रवाल ने दलील दी कि पीड़िता ने कई बार अपने बयान बदले।

एमएलसी रिपोर्ट में भी जबरन ज्यादती की बात सामने नहीं आई। इसके अलावा पीड़िता ने खुद अपने बयान में कहा कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ देखा था और धमकी दी थी, इसलिए उसने रिपोर्ट दर्ज कराई।

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट (MP High Court News) ने अपील स्वीकार कर सेशन कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया।

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