हाइलाइट्स
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7 करोड़ के लेनदेन की चर्चा का सीडी कांड
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2014 का है अंतागढ़ टेप कांड का मामला
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कांग्रेस ने 2018 में दर्ज कराया था केस
Antagarh Tape Scandal: छत्तीसगढ़ का सबसे बहुचर्चित अंतागढ़ टेप कांड मामले को करीब 10 साल बीत गए हैं। इस मामले में मंतूराम पवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई कर फैसला सुनाया है।
सुनवाई के दौरान शासन की ओर से पैरवी महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने की। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि इस केस में दर्ज एफआईआर का खात्मा हो चुका है।
इस केस में उन्होंने आगे जानकारी दी कि इस केस में बीजेपी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत, दिवंगत अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दमाद डॉ. पुनीत गुप्ता, मंतूराम पवार पर धोखाधड़ी और पैसों के प्रलोभन और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
ये मामला पंडरी थाने में दर्ज किया गया था। इस मामले में जांच पूरी करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट भी सबमिट हो चुकी है।
इसके बाद सभी पक्षों की दलील सुनी गई, इसके बाद जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने याचिका का निराकरण कर दिया।
2014 का है सीडी कांड
बता दें कि साल 2014 में अंतागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। जिसमें कांग्रेस ने मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया था। मंतूराम पवार ने ऐन मौके पर अपना नामांकन वापस ले लिया था।
इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी को वॉकओवर मिल गया था। इसी बीच एक सीडी (Antagarh Tape Scandal) भी सामने आई थी।
इस सीडी में कथित तौर पर तत्कालीन कांग्रेस विधायक अमित जोगी, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता समेत अन्य के बीच बातचीत चल रही है, जिसमें सात करोड़ रुपए की डील को लेकर बातचीत सामने आई थी।
इस अंतागढ़ सीडी कांड (Antagarh Tape Scandal) का मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस ने उसी समय एफआईआर दर्ज कराने पुलिस थाने में शिकायत की थी, लेकिन उस समय केस दर्ज नहीं किया गया था।
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बघेल ने कराई थी एसआईटी जांच
साल 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले की जांच (Antagarh Tape Scandal) के लिए SIT जांच शुरू कराने के आदेश दिए थे।
इसके साथ ही इसी केस में कांग्रेस ने मुकदमा भी दर्ज कराया था। शिकायत में बताया कि, कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए पूर्व सीएम अजीत जोगी, तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत, तत्कालीन विधायक अमित जोगी और लोक सेवक डॉ. पुनीत गुप्ता ने साजिश की थी।
कांग्रेस प्रत्याशी को प्रलोभन देकर नाम वापस कराया था, लेकिन बाद में मंतूराम पवार भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद अब केस को बंद कर दिया गया है।