जबलुपर। प्रदेश में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स (जूडा) को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए इस हड़ताल को असंवैधानिक बताया। साथ ही हड़ताल को तत्काल प्रभाव से खत्म करने के आदेश भी दिए हैं। इस फैसले से डूनियर डॉक्टर्स को बड़ा झटका लगा है। पिछले चार दिनों से हड़ताल कर रहे जूडा की हड़ताल को लेकर गुरुवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के इस प्रचंड दौर में जब डॉक्टर्स की सबसे ज्यादा जरूरत है तब हड़ताल करना उचित नहीं है।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्ती जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि 24 घंटे के भीतर अगर जूनियर डॉक्टर अपने काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि जूनियर डॉक्टर की अधिकतम मांगों को सरकार ने मंजूर कर लिया है, उसके बावजूद भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 24 घंटे के अंदर जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौट सकते हैं।
इस दौर में हड़ताल करना उचित नहीं
जूडा की इस हड़ताल को कोरोना काल में हाईकोर्ट में उचित नहीं ठहराया। साथ ही हड़ताल कर रहे सभी डॉक्टर्स को 24 घंटे के अंदर काम पर लौटने के आदेश दिए हैं। बता दें कि इससे पहले भी जूडा हड़ताल कर चुके हैं। साल 2014 में भी जूडा को लेकर एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर समय-समय पर कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि जूडा अपना 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। सरकार ने जूडा के कुछ मांगें भी मान ली हैं। इसके बाद भी जूडा ने हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया था। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद 24 घंटों के अंदर काम पर लौट सकते हैं।