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हे ! प्रभु आनंददाता: भावना रूपी जल, विवेक रूपी चट्टान, भावनाओं के जल से कैसे पाएं पार?

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Bansal news
हे ! प्रभु आनंददाता: भावना रूपी जल, विवेक रूपी चट्टान, भावनाओं के जल से कैसे पाएं पार?

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