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Helping Psychology Study : आखिर किसी की कितनी बार मदद करता है इंसान? जानिए मदद करने का मनोविज्ञान

Helping Psychology Study : कोई कितनी बार करता हेल्प ? फिर कभी किसी की मदद ही नहीं करता?आखिर रिचर्स में क्या हुआ? जानें...

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Gourav Sharma
Helping Psychology Study : आखिर किसी की कितनी बार मदद करता है इंसान? जानिए मदद करने का मनोविज्ञान

Helping Psychology Study : कभी ना कभी आप रास्ता तो जरूर भटके होंगे. फिर पैदल जा रहे शख्स या रोड साइड लगी दुकान पर जाकर आपने रास्ता भी पूछा होगा. लेकिन क्या आपने गौर किया कि आखिर उस व्यक्ति ने आपकी कितनी मदद कि? या आपके सवाल पर उसने कुछ ना बताने वाला रिएक्शन दिया? हाल ही में कुछ इसी पर एक स्टडी भी हुई है. कोई व्यक्ति किसी की कितनी बार मदद करता है इसको लेकर जो रिजल्ट सामने आया वो चौकाने वाले हैं.

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कोई कितनी बार करता हेल्प ?

पूरी दुनिया में आखिर लोग मदद करने में कितने आगे हैं जब इसको लेकर स्टडी हुई तो ये बात सामने आई कि करीब 7 बार कोई भी व्यक्ति किसी की मदद करता है. लेकिन बार बार एक ही सवाल पूछने पर वो भी परेशान होकर आखिरकर मदद करने से मना कर देता है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि, क्या इसके बाद वो -

फिर कभी किसी की मदद ही नहीं करता?

तो ऐसा नहीं है. स्टडी रिपोर्ट में बताया गया कि 7 बार हेल्प के बाद वो 8वी बार मना तो कर देता है. लेकिन जब वो अपने नॉर्मल नेचर में आता है तो फिर से वो किसी व्यक्ति की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है. यानि 7 बार मदद के बाद 8वी बार मना किया. और फिर से मदद करने तैयार हो गया.

आखिर रिचर्स में क्या हुआ?

नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 350 लोगों पर रिसर्च की हुई. इसमें पता चला है कि हर दो मिनट के दौरान लोग किसी न किसी चीज में उलझ ही जाते हैं. फिर या तो वो खुद ही मदद मांग लेते हैं या फिर कोई दूसरा उनको परेशान देखकर सामने से ही मदद कर देता है. ये भी देखा गया कि उनको लगातार 7 बार मदद मिली लेकिन इसके बाद एक बार उनको हेल्प करने से मना कर दिया गया. बस इसका कारण ये रहता है कि या तो मदद देने वाला व्यक्ति कहीं और व्यस्त है या फिर वो उसके बस की बात नहीं थी.

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हालांकि खास बात तो ये थी कि 8वी बार हेल्प से मना करने के बाद वो इसके बाद फिर हेल्प करता हुआ दिखाई दिया. तो अगर आप भी किसी से मदद मांगने जा रहे हैं तो उसके रिक्शन को परखकर ही उससे हेल्प मांगिएगा नहीं तो शायद आपको रिजेक्शन का सामना भी करना पड़ सकता है.

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