चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा में शनिवार को कड़ाके की ठंड पड़ी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ इस मौसम के सबसे कम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस के साथ क्षेत्र का सर्वाधिक सर्द स्थान रहा। शनिवार सुबह, दोनों राज्यों के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता कम रही। पंजाब के बठिंडा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है।
मौसम विभाग ने जारी की रिपोर्ट
मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमृतसर में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, गुरदासपुर और फरीदकोट में क्रमश: 5.9, 4.8, 7.7, 4.9 और 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा के अंबाला में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हिसार, करनाल, नारनौल, रोहतक, भिवानी और सिरसा में न्यूनतम तापमान क्रमशः 3.8, 5, 3.2, 5.2, 5.8 और 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कश्मीर में बढ़ी कड़ाके की ठंड
कश्मीर में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और घाटी के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मौसम विभाग ने सोमवार से कुछ दिनों तक ठंड और शुष्क मौसम से राहत मिलने का अनुमान जताया है। अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के एक आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर में बारामुला जिला स्थित पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। अधिकारियों ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि काजीगुंड में तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
26 दिसंबर तक शुष्क करेगा मौसम
मौसम कार्यालय ने 26 दिसंबर तक जम्मू कश्मीर में ज्यादातर शुष्क मौसम रहने का अनुमान जताया है। इसके बाद, केंद्र शासित प्रदेश में 26-30 दिसंबर के बीच आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, साथ ही ऊंचे स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग के कार्यालय ने कहा कि न्यूनतम तापमान में मामूली सुधार होगा, जिससे 26-31 दिसंबर तक ठंड और शुष्क मौसम से कुछ राहत मिलेगी। कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। 40 दिनों की कड़ाके की सर्दियों की अवधि के दौरान क्षेत्र में शीत लहर रहती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे घाटी के कई हिस्सों में जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइप लाइन भी जम जाती हैं।
बर्फबारी की सबसे अधिक संभावना
इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम होती है। अधिकांश क्षेत्रों, विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है। ‘चिल्लई-कलां’ 21 दिसंबर से शुरू होती है और 30 जनवरी को समाप्त होती है। इसके बाद भी 20 दिनों तक ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों की अवधि तक ‘चिल्लई-बच्चा’ रहता है।