पिछले कई सालों से लगातार दिल का दौरा या हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले में लगातार तेज़ी देखने को मिल रही हैं। पहले हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्ग,या कमजोर दिल वालों को ही दिल का दौरा पड़ता था। लेकिन अभी पिछेल कई सालों से देखने को मोल रहा है की स्वस्थ और नौजवान लोग भी इसकी चपेट में आ रहे है। इस साल ऐसे ही न जाने कितने ही युवा कलाकार इस तरह से अपनी जान गवां चुके है। अभी कुछ दिन पहले ‘भाभी जी घर पर हैं’ फेम दीपेश भान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ मात्र 41 साल की उम्र में उनको हार्ट अटैक आ गया जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र 41 साल थी। कुछ दिनों पहले कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आया और दो हफ्ते से ज्यादा हो गए वो हॉस्पिटल में ज़िंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रहे है।
पिछले कुछ सालों की बात करें तो टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की उम्र महज 40 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। जबकि साउथ इंडियन एक्टर पुनीत राजकुमार के उम्र भी सिर्फ 46 साल थी जब उनको दिल का दौरा पड़ा । हाल ही में उस समय सबसे बड़ा झटका लगा जब बॉलीवुड के टॉप सिंगर केके एक इवेंट के दौरान बीमार हो गए और हार्ट अटैक की वजह से महज 53 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। ये सब घटनाए ऐसी है जो एक बहुत बड़ा सवाल करती है।
अब ऐसा जरुरी नहीं है कि 60 की उम्र में ही हार्ट प्रॉब्लम का सामना कर सकते है। अब तो 40 या इससे कम उम्र में भी हार्ट अटैक में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। कार्डियो मेटाबोलिक इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में बताया गया। 40 वर्ष से कम उम्र के किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ना के मामले बहुत ही काम आते थे। लेकिन अब दौर बाद गया है अब हर 5 में से 1 हार्ट अटैक के मरीज की उम्र 40 साल से कम है। अगर आपको हार्ट अटैक से बचना है, तो आपको इस उम्र में हर साल TMT Test (Treadmill Test) जरूर करा लेना चाहिए। जानते है इस तेत के बारें में –
क्या होता है TMT Test ?
TMT Test को Treadmill Test भी कहा जाता है।इस टेस्ट से पता चलता है। इस टेस्ट से पता चलता है कि आपका दिल कितना फिट है। इस टेस्ट में ट्रेडमिल पर दौड़ाकर उसके दिल पर दबाव दिया जाता है। इससे उसके स्टैमिना, दिल की धड़कन औ हार्ट पंप का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट में हार्ट पर जोर देकर ये पता लगाया जाता है कि हार्ट कितना जोखिम लेने के कबिल है।
क्यों जरुरी है ट्रेडमिल टेस्ट
यह टेस्ट करना इसलिए जरुरी है इससे दिल के रोग यानी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) की पहचान करने या दिल की सेहत को जाना जाता है। कई बार कोरोनरी सर्जरी के बाद दिल कमजोर हो जाता है, इस टेस्ट में दिल की सेहत का पता लगाया जाता है। ये टेस्ट बहुत उपयोगी होता है दिल की स्थिति को जानने के लिए इस आप अपने ह्रदय की क्षमता का पता लगा सकते है।