हाइलाइट्स
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बेंच के सवालों के जवाब नहीं दे पाए भोपाल से गए कार्यपालन यंत्री
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कोर्ट में अधिवक्ता ने समय मांगा, अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी
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प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज व अधिकारियों को कोर्ट में रहने के निर्देश
ग्वालियर। Gwalior News: हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई हुई।
ग्वालियर बेंच में सुनवाई के दौरान भोपाल से जवाब देने पहुंचे कार्यपालन यंत्री ने सवालों के ठीक से जवाब नहीं दिए और तैयारी नहीं करके गए थे। इस पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित आर्या नाराज हो गए। उन्होंने कार्यपालन यंत्री को जमकर फटकार लगाई।
उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि एक एफिडेविट लिया और कोर्ट (Gwalior News) में पेश कर दिया। एफिडेविट में क्या लिखा है, पढ़ा है, इंजीनियर हो या अनपढ़ हो ? अपर आयुक्त विजयराज को हटाकर तुम्हें प्रभारी अधिकारी बनाया है तो किसी लायक ही समझा होगा, तभी तो ऐसा किया है, लेकिन तुम भी पुराने अधिकारियों की तरह नालायक ही हो।
वेतन किस बात का ले रहे हो
बता दें कि जस्टिस (Gwalior News) ने कार्यपालन यंत्री को जमकर खरी-खरी सुनाई। उन्होंने आगे फटकार लगाते हुए फिर कहा कि यहां आए हो, किसी सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे हो।
सरकार से किस बात की तनख्वाह ले रहे हो, तुम लोगों के काम करने की आदत बिगड़ गई है। सारा काम बाबूगिरी पर चलाते हो और फिर कोर्ट से डांट सुनते हो। मिस्टर मोदी, अपने प्रशासन को कहिए कि ऐसे डफर को नहीं भेजें।
अधिकतर सवालों के नहीं दे पाए थे जवाब
बता दें कि हाईकोर्ट के ग्वालियर (Gwalior News) बेंच के जस्टिस रोहित आर्या की जो नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के कार्यपालन यंत्री राकेश रावत पर मंगलवार कोर्ट में पड़ी। क्योंकि, रावत बेंच के अधिकतर सवालों के जवाब नहीं दे पाए थे।
नदी को पुनर्जीवित करने की मांग
बता दें कि ग्वालियर (Gwalior News) की स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका की सुनवाई ग्वालियर बेंच में की जा रही है।
मंगलवार को इस याचिका (Gwalior News) पर सुनवाई हुई। जिसमें भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यपालन यंत्री शामिल हुए। बेंच में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली।
इस दौरान बेंच ने कार्यपालन यंत्री से सवाल किए तो वे जवाब नहीं दे सके। इस पर जस्टिस आर्या गुस्सा हो गए और उन्होंने जमकर फटकार लगाई।
5 मार्च को अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान ही अंत में अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने कोर्ट (Gwalior News) से दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मार्च तय की है।
कोर्ट ने वर्ष 2017 में सीवर लाइन बिछाने और दूसरे कामों के लिए मिले 173 करोड़ रुपए के खर्च की जानकारी विस्तार से देने कहा है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों को भी कोर्ट में रहने के निर्देश जारी किए हैं।