Advertisment

टीका लगवाने से पहले अपने साथियों से सलाह-मशविरा कर रहे स्वास्थ्यकर्मी

author-image
Bhasha
देश में रविवार तक कुल 2,24,301 लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया: सरकार

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 टीका लगवाने से पहले उसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जानने के लिये अपने साथियों के अनुभवों पर ध्यान दे रहे हैं और समाचार पत्रों तथा इंटरनेट के जरिये जानकारी जुटा रहे हैं।

Advertisment

इसके अलावा कई स्वास्थ्यकर्मी अपने परिवार के ‘‘चिंतित’’ सदस्यों को भी टीका लगवाने के बारे में भी नहीं बता रहे हैं।

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मूलचंद मेडसिटी में नर्सिंग कर्मचारी जय महावर (34) ने कहा कि उन्होंने टीके और इसके दुष्प्रभावों के बारे में इंटरनेट पर पढ़ा है।

उन्होंने कहा, ''टीका लगवाने के बाद पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में खबरें आ रही हैं। लिहाजा, थोड़ा बहुत तनाव जरूर है।''

Advertisment

महावर ने कहा कि उन्होंने एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया द्वारा टीका लगवाए जाने के बाद ही अपना मन बनाया।

उन्होंने कहा, ''टीका लगवाने के बाद कुछ मिनट तक मुझे चक्कर आए। मेरा परिवार पहले ही चिंतित था, तो मैंने अब तक उन्हें इस बारे में नहीं बताया है। अब मैं ठीक महसूस कर रहा हूं।''

महावर के साथी रितिक भाटी ने कहा कि टीका लगवाने के बाद भी उन्होंने ''बिल्कुल ठीक'' महसूस किया।

Advertisment

उन्होंने कहा, ''डरने की कोई बात नहीं है। मुझे अभी तक कोई भी दुष्प्रभाव महसूस नहीं हुआ है...मैंने शनिवार को टीका लगवाने वालों कुछ लोगों से बात कर उनके अनुभवों के बारे में जाना था।''

राजस्थान के अलवर के निवासी भाटी ने भी अपने माता-पिता को टीका लगवाने के बारे में नहीं बताया।

उन्होंने कहा, ''वे थोड़ा डरे हुए हैं। हालांकि मेरे भाई-बहनों को इस बात का पता है।''

Advertisment

अनुजा मेहता (23) कुतुब औद्योगिक क्षेत्र में स्थित मीडियोर अस्पताल में नर्स हैं। उन्होंने भी टीका लगवाने से पहले अपने साथियों के अनुभवों को जाना।

मेहता ने कहा, ''मेरे माता-पिता चिंतित थे। उन्होंने मुझसे कुछ समय इंतजार करने के लिये कहा। लेकिन मैं टीके के बारे में सही सोच रही थी क्योंकि टीका लगवा चुके लोगों ने हमारे साथ अपने अनुभव साझा किये थे।''

सोमवार सुबह कोविड-19 का पहला टीका लगवाने वाले मीडियोर अस्पताल के प्रबंधक (रोगी देखभाल) मोहम्मद रहील ने कहा कि लोग थोड़े डरे हुए हैं क्योंकि दुष्प्रभावों के कुछ मामले सामने आए हैं।

उन्होंने कहा, ''मैंने भी कुछ लोगों को परामर्श दिया जो इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पा रहे थे।''

भारत में शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। पहले दिन दिल्ली में 4,319 (53.3 प्रतिशत) पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए।

विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती कुछ दिन लोग ''देखने-भालने'' की स्थिति में हैं। संवाद का अभाव और 'कोविन' ऐप में तकनीकी खामियां कुछ प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से लोग पहला टीका नहीं लगवा पा रहे।

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक बी एल शेरवाल ने कहा, ''(टीके को लेकर) थोड़ी चिंताएं हैं। इसके अलावा भारत में लोगों की महत्वपूर्ण मामलों में देखने और इंतजार करने प्रवृत्ति होती है, फिर चाहे वह नयी कार खरीदने का मामला हो या कोई अन्य सामान...लोग खुद कोई फैसला लेने से पहले दूसरों के अनुभवों को देखते हैं।''

गौरतलब है कि एम्स के एक चौकीदार को कोविड-19 टीका लगवाने के बाद एलर्जी होने का मामला सामने आया था। उसे डॉक्टरों की निगरानी में अस्पताल में रखा गया और बाद में छुट्टी दे दी गई।

अधिकारियों के अनुसार शहर में पहले दिन इंजेक्शन लगवाने वाली जगह पर चकत्ते पड़ने, सूजन या बुखार जैसे मामूली प्रतिकूल प्रभावों के 51 मामले सामने आए थे।

शेवराल ने कहा कि जिन 53 प्रतिशत परिणाम ''सामान्य'' आए हैं।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें