Alcohol Made in Persons Body: भारत सहित अन्य देशों में शराब पीकर गाड़ी चलाना ट्रैफिक नियमों के खिलाफ माना जाता है. लेकिन क्या आप जानतें हैं बेल्जियम में एक अनोखा मामला सामने आया है. बेल्जियम में पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चला रहे एक युवक को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने उसकी युवक की कार को जब्त कर अदालत में पेश किया। पुलिस ने अपने मामले में अच्छी तरह से बहस की, लेकिन युवक ने अदालत में केवल एक ही बात कही कि वह शराब नहीं पीता है.
जिसके बाद अदालत ने युवक को रिहा कर दिया साथ ही उसकी कार भी वापस लौटा दी. लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर युवक शराब पीता ही नहीं है तो उसके पेट में जांच के बाद अल्कोहल कैसे पायी गई.
आज हम आपको इस मामले के पीछे के तर्क के बारे में विस्तार से बताएंगे कि आखिर युवक के पेट में शराब आई कहाँ से ?
Auto-Brewery Syndrome के कारण बनती है शराब
दरअसल पुलिस को शरीर में शराब की मात्रा कानून द्वारा निर्धारित मात्रा से दोगुनी मिली। एक महीने बाद, पुलिस ने सांस का परीक्षण किया और उसमें कुछ अल्कोहल पाया. लेकिन यह अभी भी बेल्जियम में अनुमति से कम था.
व्यक्ति के शरीर में शराब की मात्रा का स्तर 0.91 था, जो कानूनी सीमा से दोगुना था. महीने भर बाद टेस्टिंग में उसकी सांस के भीतर 0.71 mg अल्कोहल मिली. बेल्जियम में शराब की कानूनी लिमिट 0.22 mg है.
जिसके बाद शख्स ने कोर्ट में बताया कि उसके शरीर खुद शराब बनाता है. इस खास बीमारी को ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम कहा जाता है.
क्या है Auto-Brewery Syndrome
जब लोग शराब पीते हैं, तो इससे उनके रक्त में अल्कोहल की मात्रा बढ़ जाती है. लेकिन ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम एक विशेष बीमारी है. जिसमें पेट की आंतों में मौजूद यीस्ट या बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रेट को फर्मेंटेड कर अल्कोहल प्रोड्यूस करता है.
ये अल्कोहल ब्लड फ्लो में मिल जाता है और शराब पीने के समान लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे कि चक्कर आना, थकान, धुंधला दिखना, उल्टी और कोऑर्डिनेशन का बिगड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
बेल्जियम के एक अस्पताल में अध्ययन में पाया कि कुछ लोग अपने शरीर में एक प्रकार की शराब बनाते हैं जो वयस्कों द्वारा पीने वाले पेय में पाई जाने वाली शराब की तरह होती है। लेकिन भले ही उनके पास यह अल्कोहल है.
लेकिन यह उन्हें उतना अजीब या अलग महसूस नहीं कराता जितना कि अन्य लोगों को महसूस कराता है। उन्हें यह भी पता चला कि लोगों के शरीर में यह अल्कोहल शुरुआत में नहीं जाता है, लेकिन अगर उनके पेट या आंतों में पहले से ही समस्या है तो उन्हें यह मिल सकता है.
Auto-Brewery Syndrome के लक्षण
नियमित रूप से शराबी लगने जैसा लगातार बदलता होना.
अचानक से अल्कोहल के प्रति आकर्षण बढ़ जाना.
मानसिक स्थिति में परिवर्तन और असामान्य बर्ताव करना.
अचानक उच्च अल्कोहल स्तर का पता चलना या संकेत.
Auto-Brewery Syndrome का बचाव
विशेषज्ञ की सलाह लें: OBS के लक्षणों को समझने के लिए एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है. एक न्यूरोलॉजिस्ट या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपको सही दिशा में गाइड कर सकता है और उपचार की संभावनाओं को समझा सकता है.
नियमित व्यायाम: योग और प्राणायाम जैसे नियमित व्यायाम OBS के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह सांस लेने की प्रक्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है और शारीरिक स्थिति को सुधार सकता है.
संतुलित आहार: स्वस्थ आहार OBS के लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हरा सब्जियों, फलों, अण्डों, दूध और अन्य प्रोटीन स्रोतों को आपके आहार में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने व्यवस्थित कार्यक्रम में पर्याप्त पोषण प्राप्त करने के लिए हरे और सफेद फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
सही नींद: प्रतिदिन की अधिकतम नींद प्राप्त करना ऑटो-ब्र्यूअरी सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। नियमित नींद की कमी ऑटो-ब्र्यूअरी सिंड्रोम के लक्षणों को बढ़ा सकती है, इसलिए सही नींद का पालन करना महत्वपूर्ण है.
रेगुलर चेकप: OBS के लक्षणों को समझने के बाद, अपने चिकित्सक की सलाह पर नियमित चेकप करवाएं। इससे आपको अपनी स्थिति को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है.