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हाइलाइट्स
- फलों की शुगर से बढ़ता फैटी लिवर का खतरा
- सीजन में ही फल खाने की दी सलाह
- ज्यादा फल से बिगड़ सकता है इंसुलिन लेवल
Fruit Overeating Side effects:फल को हमेशा हेल्दी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा फल खाना भी नुकसानदायक हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, फलों में मौजूद प्राकृतिक शक्कर यानी फ्रुक्टोज अगर अधिक मात्रा में ली जाए, तो यह शरीर के लिए उतनी फायदेमंद नहीं रहती जितनी मानी जाती है।
फल हमेशा हेल्दी नहीं, जानें क्यों ?
विशेषज्ञों के मुताबिक फल शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्व, विटामिन्स और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, लेकिन इनमें पाई जाने वाली प्राकृतिक शक्कर (फ्रुक्टोज) अगर ज़्यादा मात्रा में ली जाए, तो इसका असर इंसुलिन लेवल पर पड़ता है। धीरे-धीरे यह शुगर शरीर में जमा होकर फैटी लिवर, डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है।
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सीजन के बाहर फल क्यों न खाएं ?
हर फल का एक प्राकृतिक मौसम होता है, जिसमें उसका पोषण शरीर के अनुकूल रहता है। लेकिन जब फलों को सीजन के बाहर खाया जाता है, तो उनका शुगर और पोषण संतुलन बदल जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीजनल फल ही सीमित मात्रा में खाना चाहिए, ताकि शरीर पर इसका असर सकारात्मक रहे।
फ्रुक्टोज कैसे नुकसान पहुंचाता है ?
फ्रुक्टोज एक प्रकार की प्राकृतिक शक्कर है, लेकिन जब इसे ज़रूरत से ज़्यादा खाया जाता है, तो यह लिवर में फैट जमा करती है और मेटाबॉलिज्म पर असर डालती है। इससे ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है। यही कारण है कि जो लोग फलों का अधिक सेवन करते हैं, उनमें फैटी लिवर और ब्लड शुगर असंतुलन की समस्या देखने को मिलती है।
फल खाने का सही तरीका
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विशेषज्ञों का मानना है कि फल पूरी तरह से छोड़ना सही नहीं है, बल्कि संयमित मात्रा में उनका सेवन करना चाहिए।
- फल सीजन के अनुसार खाएं।
- दिन में एक या दो बार ही फल लें।
- जूस या कटे फल के बजाय पूरे फल खाएं।
- खाली पेट या रात में फल खाने से बचें।
फल सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन जब इन्हें बिना सीमा के खाया जाए तो ये शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि आप फल सीमित मात्रा में और उनके मौसम में ही खाएं तभी ये सच में “नेचर का गिफ्ट” कहलाएंगे।
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