Gum Massaging Brush: बाज़ार के जंक फ़ूड और आर्टिफीशियल ड्रिंक्स की वजह से हमारे दातों को बहुत नुक्सान होता है. साथ ही उम्र ढलने के साथ-साथ हमारे दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं. इतना ही नहीं बाहर के जंक फ़ूड के कारण हमारे मसूड़े भी कमजोर होते हैं.
जिस वजह से मसूड़ों में से खून आना, दांत दर्द करना और मसूड़ों में दर्द होता है. कई लोगों के दाँतों की हालत तो ये हो जाती है कि उन्हें नकली दांत लगाना पड़ता है. जिन बुजुर्गों के दांत नहीं होते उन्हें भी ब्रश करने में दिक्कत आती हैं.
लेकिन इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दंत चिकित्सा विभाग ने गम मसाजिंग (मसूड़ों की मालिश करने वाला) ब्रश ईजाद किया है। इसे नीम की लकड़ी और लौकी के लुफ्फा से तैयार किया गया है।
गम मसाजिंग से नहीं होगी समस्या
इससे मसूड़ों की की सफाई करने में आसानी होगी। वहीं मसूड़ों में सूजन आना और पायरिया जैसी बीमारी होने के चांस 80 प्रतिशत तक कम हो जाएंगे। पायरिया के कारण जिन लोगों के दांत 40 साल में गिरने लगते हैं वे इस ब्रश के उपयोग से 80 साल तक दांत मजबूत रख सकेंगे।
डॉक्टर का दावा है कि दुनिया में अब तक जितने भी ब्रश बनाए गए हैं वे सभी दांतों के लिए बनाए गए हैं। यह पहला ऐसा ब्रश है जो मसूड़ों के लिए बनाया गया है। एम्स के डॉ ने बताया कि मसूड़े की बीमारी बढ़ने का मुख्य कारण ज्यादा मीठा और जंक फूड खाना, सही तरीके से ब्रश ना करना या कई बार खाना खाना होता है।
इससे मसूड़े की ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। आए दिन इस तरह के मरीजों की संख्या एम्स में बढ़ रही थी। इसके लिए हमने यह ब्रश बनाया इसका सबसे पहले अपने परिवार और खुद पर उपयोग किया।
मात्र 2 से 10 रुपए होगी कीमत
दुनिया में मुंह से संबंधित जो आम बीमारी हैं वो मसूड़े की बीमारी है। जिसमें मसूड़े से खून आना, सूजन, मुंह से दुर्गंध आना, दांतों का हिलना और दर्द होना शामिल है। इसका मुख्य कारण मुंह की साफ सफाई ठीक से नहीं करना होता है।
इस गम मसाजिंश ब्रश में प्लास्टिक का उपयोग बिलकुल नहीं किया गया है जो कि आमतौर पर ब्रश में किया जाता है। बड़े सैंपल साइज के साथ रिसर्च करके जल्द ही इसको मार्केट में भी लॉन्च किया जाएगा।
यह ब्रश आपको बाजार में 2 से 10 रुपए की कीमत में यह ब्रश उपलब्ध हो पाएगा।