नई दिल्ली। (भाषा) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में तथा देश में कई अन्य स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की जान गई। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी तो अस्पताल अदालत क्यों गए? अस्पताल और मीडिया रोज ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे उठा रहे थे। टेलीविजन चैनलों ने दिखाया कि कैसे अस्पतालों में जीवनदायिनी गैस की कमी थी। यह कहना बिल्कुल गलत है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की जान नहीं गई।
We had formed an audit committee for oxygen to provide compensation to victims, which was stopped by the Centre through LG. The Centre is rubbing salt on wounds. We'll appeal the LG to allow us to run the committee: Delhi Health Minister Satyendar Jain
— ANI (@ANI) July 21, 2021
दिल्ली तथा देश में कई अन्य स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत हुई है।’’ केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान विशेष तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई। उसने बताया कि बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी । महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।’’
स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार से पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोविड के मामलों और मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं। उन्होंने बताया ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।’’ पवार ने लिखित में जवाब दिया, ‘‘इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं। बहरहाल, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है।’’