खंडवा। जिला अस्पताल में व्यवस्था को जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने वीडियो कॉल किया। उन्होंने सीधे मरीजों से संवाद कर स्थिति को जाना। महिला वार्ड से तीन महिलाओं से आनलाइन चर्चा की। मरीजों ने भी बेबाकी से जवाब दिया। मंत्री ने पूछा- इलाज कैसा मिल रहा है, दवाई बाहर से तो नहीं मंगवानी पड़ रही। इस पर मरीजों ने इलाज व सुविधाओं से संतुष्ट होने और दवाई बाहर से नहीं मंगाई जाने की बात कही।
पोल खुल कर सामने आई
लगभग तीन-तीन मिनट तक मरीजों से अस्पताल की सुविधाओं के संबंध में मंत्री ने जानकारी ली। मीडिया ने हॉस्पिटल जाकर जायजा लिया तो मंत्री के फिक्स कार्यक्रम की पोल खुल कर सामने आ गई। शासकीय महिला अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती प्रसूताओं के परिजनों को ऑपरेशन के लिए दस्ताने ओर धागा तक बाहर से बुलाया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाओं के साथ निशुल्क उपचार के दावे किए जाते हैं। लेकिन, खंडवा के जिला अस्पताल में प्रसूताओं के परिजन को धागे से लेकर दस्ताने तक बाज़ार से लाना पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भोपाल से ऑनलाइन कनेक्ट होकर खंडवा के मरीजों से बात की तो यहां के प्रबंधन ने पूरे कार्यक्रम को फिक्स कर दिया और महिला मरीजों ने सबकुछ ठीक होने की बात कही।
मंत्री के सामने जो पेश किया गया उसकी हकीकत बिल्कुल उलट है और अब जिम्मेदार अपने बचाव में कह रहे हैं कि मरीज और परिजनों से किसी प्रकार का सामान बाजार से नहीं मंगवाया जाता है।