ग्वालियर। जिले की हाईकोर्ट ने पति-पत्नी में सुलह के लिए अनोखा प्रयास किया है। हाईकोर्ट ने पति को निर्देश दिया कि वो पत्नी को किसी अच्छे होटल में खाना खिलाए, फिर घर ले जाकर अपने पिता से आशीर्वाद दिलाए। मामला सरकारी कर्मचारी पति और अतिथि विद्वान पत्नी का है।
भरण-पोषण के लिए कोर्ट में आवेदन
दोनों का विवाह 2008 में हुआ था। लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों में विवाद होने लगे। कुछ दिन पहले पति राघवेंद्र का ग्वालियर तबादला हुआ। वो पत्नी को छोड़कर पिता के साथ ग्वालियर में रहने लगा। इससे नाराज पत्नी ने कोर्ट में आवेदन देकर गुहार लगाई। कोर्ट ने पत्नी के पक्ष में फैसला दिया और पति को आदेश दिया कि वो हर महीने पत्नी को 16 हजार रुपए भरण-पोषण के लिए दें।
पति ने HC में की थी अपील
कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए पति ने हाई कोर्ट में अपील की याचिका दायर की और बताया की पत्नी वर्तमान में श्योपुर में ससुर के मकान में ही रह रही है और मकान में रहे किराएदार से किराया भी खुद ही वसूल कर रही है। कोर्ट ने पति-पत्नी को आपस में राजीनामा करने का एक प्रयास किया है। पति अगली सुनवाई तक पत्नी को अपने साथ ही रखें यह निर्देश भी दिए हैं।
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