Chhattisgarh News: राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) द्वारा छात्राओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार और उन्हें जेल भेजने की धमकी के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने डीईओ के व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे अशोभनीय और निदनीय बताया (Chhattisgarh News) है।
कोर्ट ने सरकार से भी यह पूछा
इसके अलावा हाईकोर्ट ने मामले को जनहित याचिका के रूप में लिया और अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की है। साथ ही कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव, संचालक स्कूल शिक्षा, कलेक्टर राजनांदगांव और डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से भी पूछा कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए क्या कदम उठाए गए (Chhattisgarh News) हैं?
क्या है पूरा मामला?
घटना 4 सितंबर 2024 की है, जब छात्राएं शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर डीईओ से मिलने गई थीं। इस पर डीईओ ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि सबको जेल पहुंचा देंगे। यह घटना शिक्षक दिवस से एक दिन पहले हुई, जब छात्राएं केवल अपने स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रही थीं। छात्राओं की इस जायज मांग के जवाब में डीईओ का व्यवहार मीडिया की खूब सुर्खियां बना था। हालांकि, डीईओ के धमकाने के बाद छात्राओं ने धरना खत्म कर दिया था। इससे पहले छात्राओं के सड़क पर धरने करीब आधा घंटे तक जाम की स्थिति बन गई (Chhattisgarh News) थी।
छात्राओं को कलेक्टर ने डीईओ के पास भेजा था
डीईओ के व्यवहार से आहत छात्र-छात्राओं में से एक आरती साहू ने मीडिया के समक्ष फूट-फूटकर रोते हुए बताया था कि राजनांदगांव के आलिवारा शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला के हायर सेकेंडरी स्कूल में पिछले दो साल से 11वीं और 12वीं की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए कोई व्याख्याता नहीं है। जिससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। जिसके चलते वह अपने सहपाठियों और परिजनों के साथ जनदर्शन के दौरान कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात करने गई थी। उनकी समसस्याओं को सुनने के बाद कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी और बच्चियों को डीईओ के पास भेज दिया।
‘तुम लोग जिंदगी भर जेल की हवा खाओगे’
हालांकि, जब बच्चियां डीईओ के पास गईं और अपनी समस्याओं बताईं, तो डीईओ ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। इस अप्रत्याशित व्यवहार से छात्राएं बेहद निराश और दुखी हो लौटी थीं। इसके बाद उन्होंने रोते हुए मीडिया से अपनी स्थिति साझा की, बच्चों ने आरोप लगाया कि डीईओ ने उनके साथ गलत तरीके से बात की। डीईओ ने उन्हें ऑफिस से जाओ यहां बहस मत करो कहकर भगा दिया। साथ ही कहा कि ऐसा आवेदन किसने लिखवाया है? तुम लोग जिंदगी भर जेल की हवा खाओगे।
धरना प्रदर्शन की दी थी चेतावनी
छात्रों पेरेंट्स ने बताया कि पिछले दो साल से आलिवारा में हायर सेकेंडरी के क्लासिस लग रही हैं, लेकिन एक भी शिक्षक स्कूल में नहीं है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हो रही है। हाई स्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे थे, लेकिन कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। कलेक्टर ने दो दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था करने का आश्वाशन दिया है, लेकिन डीईओ ने बच्चों के साथ गलत तरीके से बात की, तभी बच्चे रो रहे हैं। परिजनों ने बताया कि बच्चों ने आवेदन में लिखा है कि अगर तीन दिन में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होगी तो स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे और ताला लगा देंगे।
DEO ने दी थी ये सफाई
इस मामले में डीईओ ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हमने बच्चों को कानून अपने हाथ में ना लेने की सलाह दी और शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही थी
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