MP News: हरियाणा के 2 हीरा व्यापारियों ने भोपाल के एक प्रॉपर्टी डीलर से 87 लाख रुपए की ठगी की है। अमानक स्तर का हीरा देकर आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। जालसाज़ो ने फरियादी को भरोसा दिलाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र और टेस्ट रिपोर्ट भी दिखाई।
जब हीरे को टेस्ट लोकल मार्केट में कराया गया तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस फर्जीवाड़े के मामले की कोहेफिजा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। कोहेफिजा पुलिस ने शिकायत की जांच करने के बाद प्रकरण दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है
आरोपियों से दोस्त ने कराया था परिचय
TI बृजेंद्र मर्सकोले ने बताया, कि छह कोड़ी मंदिर इतवारा के रहने वाले रॉबिन सिंह ठाकुर उर्फ रानू प्रॉपर्टी का काम करते हैं। कोहेफिजा थाने के पास नादरा काम्पलेक्स में उनका ऑफिस है।
करीब 1 साल पहले (MP News) छतरपुर जिले के ग्राम हरपालपुर में रहने वाले संदीप रावत अपने 2 साथियों के साथ रॉबिन सिंह के ऑफिस आए थे। जिनका परिचय संदीप ने हीरा व्यापारी गिरिराज गुप्ता और भरत भूषण यादव निवासी हरियाणा के रूप में कराया था।
खुद को हीरा व्यापारी बताते हुए उन्होंने अपनी फर्म का नाम मैसर्स GM डायमंड बताया। रॉबिन सिंह से उन लोगों ने पूछा कि आप हीरा खरीदना चाहते हैं। रॉबिन ने कहा कि पहले आप हीरा दिखाएं और उसके असली होने का प्रमाण-पत्र भी बताएं। दोनों ने हीरे से संबंधित फर्जी प्रमाण-पत्र और हीरे की टेस्ट रिपोर्ट दिखा दी। साथ ही हीरे की कीमत 1 करोड़ 25 लाख रुपए बताई।
फाइनल डील 87 लाख में हुई
रॉबिन सिंह ने हीरा व्यापारियों से हीरे की फाइनल कीमत बताने का कहा। इस पर हीरा व्यापारी गिरिराज गुप्ता ने कहा, कि हीरे की अभी वर्तमान सवा करोड़ कीमत है, लेकिन हमें रुपए की अर्जेंट जरूरत है। इसलिए हम हीरे को 25 लाख रुपए कम में दे देंगे।
फरियादी ने अपने परिचित दोस्त पर भरोसा करके 87 लाख रुपए में हीरे का सौदा तय कर लिया। इसके बाद फरियादी ने अपने दोस्त अमित दलाल के खाते से गिरिराज गुप्ता के खाते में साढ़े 5 लाख रुपए और उनकी पत्नी के खाते में साढ़े 5 लाख रुपए ट्रांसफर करवा दिए। नादरा काम्प्लेक्स के ऑफिस में दोस्त अमित दलाल के सामने 76 लाख रुपए हीरा व्यापारी गिरिराज गुप्ता और भरत भूषण यादव को देकर हीरे को ले लिया।
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ऐसे असलीयत आई सामने
हीरे को लेने के बाद लोकल मार्केट में टेस्ट रिपोर्ट के साथ हीरे की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच कराई तो प्रामण पत्र में पाई गई गुणवत्ता और शुद्धता अवमानक स्तर की पाई गई। बताया गया कि हीरे की कीमत करीब 70 लाख रुपए है।
जांच के बाद फरियादी को यह आभास हुआ कि गिरिराज गुप्ता और भरत भूषण ने फर्जी टेस्ट प्रमाण-पत्र बनवाकर उनके साथ धोखाधड़ी की है। फरियादी ने अपने परिचित संदीप रावत से कहकर व्यापारियों से IGI प्रमाण-पत्र मांगा।
IGI प्रमाण-पत्र में अधिक खर्च आता है यह कहकर दोनों व्यापारी कुछ दिनों टालते रहे। इसके बाद आरोपियों ने कॉल उठाना ही करना बंद कर दिया। जब पीड़ित दिल्ली में रहने वाले परिचित के साथ आरोपियों की दुकान पर पहुंचा।
वहां उन्होंने जल्द पैसे लौटाने का झांसा दिया। जिसके लिए एक एग्रीमेंट भी कर लिया। इसके बाद भी एग्रीमेंट के हिसाब से टाइम पर रकम नहीं लौटाई। इसके बाद रॉबिन ने भोपाल के कोहेफिजा थाने में इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। (MP News)
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