Advertisment

Haryana Year 2022: कहीं रही खेलो इंडिया की धूम तो कहीं राजनीति में रही उठापटक, जानिए कैसा रहा हरियाणा के लिए ये साल

author-image
Bansal News
Haryana Year 2022: कहीं रही खेलो इंडिया की धूम तो कहीं राजनीति में रही उठापटक, जानिए कैसा रहा हरियाणा के लिए ये साल

चंडीगढ़।  वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में अभी भले ही बहुत समय है, लेकिन हरियाणा में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता इस साल पंचायत और नगरपालिका चुनावों से लेकर आदमपुर विधानसभा उपचुनाव और राज्यसभा चुनावों तक में एड़ी-चोटी का जोर लगाते नजर आए।वहीं, संसाधनों के बंटवारे को लेकर हरियाणा का पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ विवाद भी हुआ। इसमें एक अलग हरियाणा विधानसभा भवन के निर्माण के लिए संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में जमीन और पंजाब में बहने वाली नदियों के पानी की मांग को लेकर हुआ विवाद शामिल है।

Advertisment

जाने हरियाणा में 2022 में कैसा रहा हाल

वर्ष 2022 में हरियाणा विधानसभा ने उत्तर प्रदेश सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित अन्य राज्यों के नक्शेकदम पर चलते हुए बल, अनुचित प्रभाव या प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक विधेयक पारित किया।इस साल हरियाणा के खिलाड़ियों ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया। बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को हासिल हुए कुल 61 पदकों में से 20 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। ‘खेलो इंडिया युवा खेल’ की चैंपियनशिप ट्रॉफी भी राज्य के खाते में गई।हरियाणा में जून में हुए निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन ने 46 नगर निकायों में से 25 में जीत हासिल की। गठबंधन ने नवंबर में आदमपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत का सिलसिला बरकरार रखा, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते एवं भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई विजयी रहे।भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त में आदमपुर से कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था, जिस कारण इस सीट पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया था। कुलदीप बिश्नोई बाद में अपने बेटे और पत्नी के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे।

जानें क्या-क्या हुआ राजनीति में

आदमपुर सीट पर पिछले पांच दशकों से भजन लाल परिवार का कब्जा है।इससे पहले, जून में कांग्रेस नेता अजय माकन हरियाणा से राज्यसभा सीट हासिल करने में नाकाम रहे। उस समय कांग्रेस का हिस्सा रहे कुलदीप बिश्नोई के ‘क्रॉस वोटिंग’ करने के कारण माकन को राज्यसभा चुनाव में जीत नसीब नहीं हो सकी।कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस द्वारा अपनी हरियाणा इकाई में फेरबदल के दौरान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नहीं चुने जाने के कारण पार्टी से नाराज हो गए थे। कांग्रेस ने हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वफादार उदय भान को कुमारी शैलजा की जगह नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। प्रदेश इकाई के पुनर्गठन से राज्य में हुड्डा की पकड़ मजबूत हो गई थी।प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह के दौरान वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने हुड्डा खेमे पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि जो लोग यह सोचते हैं कि उन्हें उनके गृह जिले भिवानी तक सीमित किया जा सकता है, वे गलतफहमी में हैं।आदमपुर उपचुनाव में जीत के कुछ दिनों बाद जिला परिषदों के पंचायत चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए एक झटके के रूप में सामने आए, जिसमें पार्टी ने सात जिलों के 102 वार्डों में से सिर्फ 22 वॉर्डों में जीत दर्ज की।बाकी वॉर्डों में से कुछ में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (इनेलो) के प्रत्याशी विजय रहे। वहीं, कांग्रेस समर्थित कई उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की, जबकि पार्टी ने अपने चुनाव चिह्न पर पंचायत चुनाव नहीं लड़ा था।

चंडीगढ़ में क्या हुआ था

चंडीगढ़ में राज्य विधानसभा का एक अतिरिक्त भवन स्थापित करने के हरियाणा सरकार के प्रस्तावित कदम का पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ के साथ-साथ कांग्रेस और अकाली दल सहित कई दलों ने विरोध किया।दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर भी विवाद बरकरार रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के उनके समकक्ष मनोहर लाल खट्टर सतलुज यमुना लिंक नहर पर एक समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे।हरियाणा चाहता है कि नहर का निर्माण पूरा हो, जबकि पंजाब का कहना है कि उसके पास साझा करने के लिए पानी नहीं है और दशकों पुराने समझौते पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।पंजाब स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने हरियाणा में सिख धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए इसी तरह की एक समिति गठित करने के राज्य सरकार के कदम पर आपत्ति जताई।हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में हरियाणा के वर्ष 2014 के कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, लेकिन एसजीपीसी गुरुद्वारों पर नियंत्रण बनाए रखना चाहता है और उसने दावा किया है कि यह कदम सिखों को विभाजित करने का प्रयास है।

Advertisment

बाबा राम रहीम को मिली पैरोल

अपनी दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल के कारावास की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पेरोल पर जेल से बाहर होने के दौरान ऑनलाइन ‘सत्संग’ आयोजित करने को लेकर विवादों में रहा। इनमें से कुछ सत्संग में विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा सहित अन्य भाजपा नेता भी शामिल हुए थे।सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स भी उस समय विवादों में घिर गई, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आशंका जताई कि गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत के लिए कंपनी द्वारा निर्मित खांसी का सिरप जिम्मेदार हो सकता है। भिवानी के दादम पत्थर खनन क्षेत्र में जनवरी में भूस्खलन के बाद पांच लोगों की मौत हो गई थी।

2,500 रुपये प्रति माह बढ़ाई पेंशन राशि

महीनों बाद, नूंह में अवैध पत्थर खनन की जांच के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान तावड़ू के पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह को कथित तौर पर एक डंपर ट्रक से कुचल दिया गया था।जजपा अपने 50वें स्थापना दिवस समारोह में वृद्धावस्था पेंशन की राशि मौजूदा 2,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर दोगुना किए जाने के चुनावी वादे को पूरा न करने को लेकर गठबंधन सहयोगी भाजपा से नाखुश दिखाई दी। हालांकि, 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और जजपा की राहें जुदा होने का अभी कोई ठोस कारण नहीं दिखाई दे रहा है।वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं और ‘आप’ ने इन चुनावों में किस्मत आजमाने की मंशा जाहिर की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के ‘मेक इंडिया नंबर वन’ अभियान की शुरुआत करने के लिए हरियाणा के हिसार को चुना।

" Haryana current affairs 2022" haryana ayush 2022 haryana ayush counselling 2022 haryana bams counselling 2022 haryana cet current affairs 2022 haryana current affairs 2022 ebook haryana current affairs 2022 pdf haryana current affairs for cet 2022 haryana current affairs gk 2022 haryana current affairs mcq 2022 haryana current gk 2022 haryana current gk 2022 pdf haryana gk haryanvi song 2022 new haryanvi song 2022 new haryanvi songs haryanavi 2022
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें