हाइलाइट्स
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निर्दलीय विधायक गोलन, गोंदर और सांगवान ने समर्थन वापस लिया
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तीनों विधायकों ने कांग्रेस के समर्थन में जाने की बात कही
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हरियाणा में बहुमत के लिए चाहिए 46 विधायक, बीजेपी के पास बचे 44
Haryana BJP Government: आम चुनाव के बीच हरियाणा में बड़ा सियासी भूचाल आ गया है। यहां की नायब सरकार अल्पमत (Haryana BJP Government) में आ गई है।
तीन निर्दलीय विधायकों से बीजेपी सरकार का साथ छोड़ दिया है और अब तीनों विधायक कांग्रेस के समर्थन में आ गए हैं।
इन निर्दलीय विधायकों ने लिया बीजेपी से समर्थन वापस
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में रोहतक में निर्दलीय विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन,
नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए बीजेपी सरकार (Haryana BJP Government) से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
बीजेपी सरकार के बहुमत का आंकड़ा बिगड़ा
निर्दलीय विधायकों की ओर से बीजेपी से समर्थन वापस लिए जाने के बाद हरियाणा में (Haryana BJP Government) बहुमत का गणित बिगड़ गया है।
90 सीटों वाले हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 45 है। बीजेपी के पास 41 विधायक हैं जबकि 6 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था।
इनमें से तीन ने अब समर्थन वापस ले लिया है. इस तरह से देखें तो हरियाणा की सैनी सरकार (Haryana BJP Government) के पास मौजूदा वक्त में 44 विधायक ही बचे हैं।
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JJP के नाराज विधायक कर सकते हैं खेला
हरियाणा में सियासी उठा-पटक के बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि किसी वक्त में हरियाणा में बीजेपी सरकार (Haryana BJP Government) की सहयोगी रही
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 में से 7 विधायक इस वक्त अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं और बीजेपी के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
विधानसभा में वोटिंग होने की स्थिति में या तो ये 7 विधायक क्रॉस वोट करके बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं या फिर वोटिंग से गैर-हाजिर होकर
बीजेपी के लिए विश्वासमत हासिल करने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित
दरअसल, हरियाणा विधानसभा के लिए जब चुनाव हुए थे तब बीजेपी और जेजेपी ने गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था।
चुनाव में बीजेपी को 40 और जेजेजी को 10 सीटें मिली थीं। चार साल से अधिक समय तक दोनों ने मिलकर सरकार भी चलाई।
सरकार को एचएलपी (HLP) का भी समर्थन प्राप्त है। एचएलपी के पास एक विधायक है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीटों को लेकर नाराज जेजेजी ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया।
बीजेपी ने दांव खेलते हुए हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री से हटाते हुए नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया।
सैनी ने 6 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद विधानसभा में बहुमत भी हासिल कर लिया था।