टोक्यो। हरविंदर सिंह ने पैरालम्पिक की तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक Harvinder Singh दिलाया जिन्होंने पुरूषों के व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में कांस्य पदक के लिये रोमांचक शूटआफ में कोरिया के किम मिन सू को मात दी। दुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी सिंह ने 2018 पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।
पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के छात्र सिंह ने कांस्य पदक के प्लेआफ में 5 . 3 से बढत बना ली थी लेकिन कोरियाई तीरंदाज ने पांचवां सेट जीतकर मुकाबले को शूटआफ में खींचा। सिंह Harvinder Singh ने परफेक्ट 10 लगाया जबकि किम 8 ही स्कोर कर सके। सिंह ने 26 . 24, 27 . 29, 28 . 25, 25 . 25, 26 . 27, 10 . 8 से जीत दर्ज की।
Tokyo Paralympics: India's Harvinder Singh wins bronze medal in men's individual recurve open
(Photo credit – Olympic and Paralympic Games Tokyo 2020 for India's Twitter account) https://t.co/rSD392gt4O pic.twitter.com/zve4dyBHRu
— ANI (@ANI) September 3, 2021
सेमीफाइनल Harvinder Singh में वह अमेरिका के केविन माथेर से 4 . 6 से हार गए थे। पहले दौर में सिंह ने इटली के स्टेफानो ट्राविसानी की चुनौती शूटआउट में 6-5 (10-7) से समाप्त की। वह तीसरे सेट में सात का निशाना लगाकर 4-0 की बढ़त गंवा बैठे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए 5-5 से बराबरी की और शूट ऑफ में पहुंचे।
हरियाणा के कैथल गांव के सिंह ने टाई ब्रेकर में परफेक्ट 10 का निशाना लगाकर इसमें जीत हासिल की जबकि Harvinder Singh प्रतिद्वंद्वी केवल सात का ही निशाना लगा सका। इसके बाद उन्होंने रूसी पैरालंपिक समिति के बाटो सिडेंडरझिएव को 6 . 5 से हराया । मुकाबले में 0 . 4 से पिछड़ने के बाद उन्होंने 5 . 5 से बराबरी की और शूटआफ में 8 . 7 से जीत दर्ज की।
क्वार्टर फाइनल में उन्होंने तीन बार के Harvinder Singh पैरालम्पियन जर्मनी के माइक जारजेवस्की को 6 . 2 से हराया। मध्यम वर्ग किसान परिवार के सिंह जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और स्थानीय डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिसका प्रतिकूल असर पड़ा और तब से उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया।