Advertisment

Hariyali Amavasya 2025: शिव भक्ति और प्रकृति संरक्षण का पर्व हरियाली अमावस्या आज, जानें तिथि, पूजा विधि सहित शुभ योग

Hariyali Amavasya 2025: शिव भक्ति और प्रकृति संरक्षण का पर्व हरियाली अमावस्या आज, जानें तिथि, पूजा विधि सहित शुभ योग hariyali-amavasya-2025-puja-vidhi-shubh-muhurat-mahatva-astrology-vrat-tyohar-hindi-news-pds

author-image
Preeti Dwivedi
Hariyali-Amavasya-2025-Vrat-Puja-Vidhi

Hariyali-Amavasya-2025-Vrat-Puja-Vidhi

Hariyali Amavasya 2025: सावन का महीना आते ही शिव भक्ति का रंग चहुं ओर छा जाता है।  इसी सावन माह की खास तिथि मानी जाती है, जिसे प्रकृति और पर्यावरण के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। यह पर्व इस बार 25 जुलाई 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

Advertisment

सावन में हरियाली का उत्सव

सावन के मौसम में जब बारिशें ज़ोरों पर होती हैं, तब धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। चारों ओर हरियाली और ताजगी का नजारा दिखता है। यही कारण है कि इस मौसम में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।

शिवभक्तों के लिए शुभ दिन

इस दिन को शिवभक्तों के लिए बहुत पावन माना गया है। मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन स्नान, दान, व्रत और वृक्षारोपण करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को पितृदोष, शनि दोष व कालसर्प दोष से राहत मिलती है। खासतौर पर पीपल के पेड़ पर दूध और जल अर्पित करना बेहद पुण्यदायी माना गया है।

 हरियाली अमावस्या 2025: तिथि और मुहूर्त

publive-image

  • अमावस्या तिथि शुरू: 24 जुलाई 2025, रात 2:28 बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्त: 25 जुलाई 2025, रात 12:40 बजे

  • स्नान-दान का शुभ समय (ब्रह्म मुहूर्त): सुबह 4:15 से 4:57 बजे तक

Advertisment

बन रहे हैं तीन शुभ योग (Hariyali Amavasya 2025 Shubh Yog) 

इस बार हरियाली अमावस्या पर तीन खास शुभ योग बन रहे हैं:

  1. गुरु पुष्य योग

  2. सर्वार्थसिद्धि योग

  3. अमृतसिद्धि योग

इन योगों में किया गया कोई भी शुभ कार्य कई गुना फलदायी माना जाता है।

 पूजा विधि: ऐसे करें पूजन(Hariyali Amavasya 2025  Puja Vidhi) 

  • सुबह स्नान के बाद भगवान शिव और सूर्य को जल अर्पित करें

  • पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे दीप जलाएं

  • घर के मंदिर में दीप जलाकर पूजा करें और शिव मंत्रों का जाप करें

  • जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें

  • पर्यावरण को बचाने के लिए कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं

 हरियाली अमावस्या का महत्व (Hariyali Amavasya 2025)

हरियाली अमावस्या सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि पर्यावरण जागरूकता का भी प्रतीक है। यह दिन हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उसके संरक्षण का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है। शिव भक्ति के साथ-साथ यह त्योहार हमें बताता है कि पेड़-पौधों और प्राकृतिक संसाधनों को बचाना भी एक तरह की पूजा है।

 मथुरा-वृंदावन में होते हैं विशेष दर्शन

publive-image

हरियाली अमावस्या के दिन उत्तर भारत के कई मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं। खासकर मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में इस दिन श्रीकृष्ण के विशेष ‘हरियाली दर्शन’ होते हैं। हजारों श्रद्धालु इस दिन इन पावन स्थलों पर दर्शन का लाभ लेने के लिए पहुंचते हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें: 

Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये खास उपाय, जानें महत्व

Hariyali Amavasya 2025: प्रकृति की पूजा का दिन हरियाली अमावस्या, जितनी धार्मिक आस्था उतना ही वैज्ञानिक महत्व

Astrology Hariyali Amavasya 2025 puja vidhi shubh muhurat mahatva vrat tyohar hindi news
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें