हाइलाइट्स
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दो बेटे और एक बेटी के बाद भी मां कचरे के ढेर पर
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80 साल की बुजुर्ग महिला का वृद्धाश्रम ही आखिरी सहारा
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कचरा गाड़ी के ड्राइवर ने दी वृद्धाश्रम समिति को सूचना
(हरदा से सलीम शाह की रिपोर्ट) Harda News: मध्यप्रदेश के हरदा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां 80 साल की बुजुर्ग मां अपने दो बेटे और एक बेटी होने के बाद भी कचरे के ढेर पर मिली।
कचरा गाड़ी के ड्राइवर की नजर जब बुजुर्ग महिला पर पड़ी, तो उसने तत्काल इसकी सूचना वृद्धाश्रम की सार्थक सेवा समिति को दी। सूचना मिलने पर समिति मौके पर पहुंची और ऑटो में बिठाकर वृद्धाश्रम लेकर आई। मामला हरदा शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के टीनचिंग ग्राउंड का है।
Harda News: दो बेटे और एक बेटी के बाद भी मां कचरे के ढेर में रहने को मजबूर, बुजुर्ग महिला का वृद्धाश्रम ही आखिरी सहारा#mpnews #MadhyaPradesh #harda #oldagehome #garbage
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 30, 2024
दो बेटे और एक बेटी के बाद भी मां कचरे के ढेर पर
हरदा शहर (Harda News) के फाईल वार्ड की रहने वाली 80 साल की जीजा बाई के दो बेटे और एक बेटी है, लेकिन कोई भी उसे पास में रखने के लिए तैयार नहीं है।
इसी वजह से वह यहां-वहां भटकटी रहती है। दोनों आंखों से न दिखने की वजह से उसे ये नहीं पता कि कौन उसे कचरे के ढेर पर छोड़कर गया।
आखिर बुजुर्ग महिला कचरे के ढेर पर कैसे पहुंची?
दोनों आंखों से न दिखने वाली बजुर्ग महिला को कचरे के ढेर पर छोड़ जाना बाकई मानवता पर कलंक लगाने वाली बात है।
आपको बता दें कि बुजुर्ग महिला को यहां किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा छोड़ा गया था।
शहर का कचरा फैंकने आई गाड़ी जब टीनचिंग ग्राउंड पहुंची तो वाहन चालक सुनील दोहर की नजर बुजुर्ग महिला पर पड़ी।
सुनील ने महिला से बात की तो उसने बताया कि वो हरदा शहर के फाईल वार्ड की रहने वाली है और उसका नाम जीजा बाई है।
उसे यहां इस हालत में कौन छोड़कर गया, इसका तो उसे पता नहीं। पीड़िता का कहना है कि वो यहां अपनी मर्जी से नहीं आई थी।
कचरा वाहन चालक ने दी वृद्धाश्रम समिति को सूचना
महिला की स्थिति देख ड्राइवर सुनील दोहर ने इसकी सूचना तत्काल वृद्धाश्रम समिति को दी। इसके बाद वृद्धाश्रम की सार्थक सेवा समिति की टीम घटनास्थल (Harda News) पर पहुंची और बुजुर्ग महिला को ऑटो में बैठाकर अपने साथ लाई।
इस दौरान बातों ही बातों में बुजुर्ग महिला अपने दामाद रामदास को कोसते हुए कहने लगी कि उसको कीड़े पड़ेंगे, अब मेरा नाता उससे छूट गया, अब मै रामदास के घर नहीं जाउंगी, मर भी जाउंगी तो भी उसको संदेसा नहीं भेजूंगी।
महिला की इन बातों से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह अपने दामाद से नाराज है। इसके पीछे क्या वजह है इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है।
वृद्धाश्रम की सार्थक सेवा समिति ने बताया
वृद्धाश्रम की सार्थक सेवा समिति के सदस्य मयंक काले के मुताबिक, हम बुजुर्ग महिला के परिजनों से संपर्क में हैं, उनका कहना है बुजुर्ग मानसिक रूप से ठीक नहीं है।
महिला का एक बेटा लातूर में तो दूसरा बेटा हरदा में ही रहकर मजदूरी करता है। वहीं बेटी दामाद भी हरदा में ही हैं।
बुजुर्ग महिला का कहना है कि वो अभी किसी के पास नहीं रहना चाहती है। फिलहाल अभी वह वृद्धाश्रम में बिल्कुल स्वस्थ है। यहां पर महिला का इलाज चल रहा है।
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