Harda Karni Sena Case: हरदा में करनी सेना कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के राजपूत समाज में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। 13 जुलाई को हुए पुलिस लाठीचार्ज ने देश में सियासी हलचल मचा दी है। अब करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो राजपूत समाज राज्यव्यापी आंदोलन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजपूत समाज ने बीजेपी को महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में जिताया है, यदि मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो बिहार हाथ से निकल जाएगा। अगर राजपूत समाज को यूं ही अनदेखा किया गया, तो बिहार चुनाव में इसका जवाब जरूर मिलेगा। साथ ही यह भी साफ किया कि यह मुद्दा सिर्फ हरदा का नहीं, बल्कि पूरे राजपूत समाज के सम्मान का है।
करणी सेना पर लाठीचार्ज, बढ़ा आक्रोश
13 जुलाई को हरदा में करणी सेना कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस कार्रवाई में प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर समेत 60 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने हरदा आने का ऐलान करते हुए भारतीय जनता पार्टी को बड़ी चेतावनी दी है। मकराना ने कहा कि यदि हरदा मामले में सरकार ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो राजपूत समाज बड़ा आंदोलन करेगा।
राजपूतों को नजरअंदाज किया तो भारी पड़ेगा
हरदा लाठीचार्ज कांड के बाद करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बीजेपी को सीधी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में बीजेपी की जीत में राजपूत समाज की अहम भूमिका रही है। यहां तक कि केंद्र की सत्ता तक पहुंचाने में भी राजपूतों का बड़ा योगदान रहा है।
बिहार चुनाव में भुगतोगे…
मकराना ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजपूत बीजेपी का कोर वोटर रहा है, लेकिन यदि हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार जारी रहा और हमारी आवाज को दबाया गया, तो बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि बिहार में लाखों की संख्या में राजपूत मतदाता हैं और यदि समाज एकजुट होकर खड़ा हो गया, तो चुनावी गणित बदलने में देर नहीं लगेगी। राजपूतों को नजरअंदाज करना भारी पड़ेगा।
मकराना बोले – अब चुप नहीं बैठेंगे
मकराना ने यह भी आरोप लगाया कि हरदा में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर समेत कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ समाज को डराने और कुचलने के इरादे से की गई थी, लेकिन अब राजपूत समाज चुप बैठने वाला नहीं है।
अत्यंत क्रूर और अमानवीय व्यवहार
करणी सेना पर पुलिस की सख्ती को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने करणी सेना के कार्यकर्ताओं के साथ अत्यंत क्रूर और अमानवीय व्यवहार किया है। यह पहली बार है जब करणी सेना को इस तरह के लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा है।
मकराना ने कहा, “प्रशासन ने सारी संवैधानिक सीमाएं लांघ दी हैं। लोकतंत्र में हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन यहां बिना किसी उकसावे के, बिना किसी चेतावनी के कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाईं गईं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर घटनास्थल पर रुके तक नहीं थे, इसके बावजूद उन्हें भी गिरफ्तार किया गया, जो इस कार्रवाई की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
राजपूत छात्रावास को बनाया निशाना
छात्रावास में घुसकर हुई पुलिस की कार्रवाई को लेकर मकराना ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सिर्फ सड़क पर नहीं, बल्कि छात्रावासों में घुसकर अत्याचार किया। उन्होंने कहा, “राजपूत छात्रावास को निशाना बनाकर एक-एक कमरा खोला गया और युवाओं को बेरहमी से पीटा गया। बच्चियों तक को नहीं बख्शा गया, उनके साथ भी अभद्र व्यवहार हुआ।”
बच्चियों तक नहीं बख्शा गया
उन्होंने कहा कि यदि कार्यकर्ताओं ने कोई हिंसक गतिविधि की होती तो पुलिस कार्रवाई को कुछ हद तक उचित माना जा सकता था, लेकिन यहां तो शांति से प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर ही कहर टूट पड़ा। युवाओं को जिस बर्बरता से पीटा गया, वह समझ से परे है। पुलिस ने राजपूत छात्रावास को टारगेट किया।
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मामले को ऐसे ही नहीं छोड़ेगा राजपूत समाज
राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि प्रशासन यह समझ रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर की रिहाई से मामला शांत हो गया है, तो यह उसकी सबसे बड़ी गलतफहमी है। उन्होंने बताया कि शेरपुर की रिहाई के बाद वे स्वयं उज्जैन पहुंचे और वहां करीब दो घंटे तक विस्तृत बातचीत हुई। चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में राजपूत समाज गहराई से आहत है और बहुत जल्द एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
विधानसभा घेराव की चेतावनी
मकराना ने कहा, “आने वाले दिनों में विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है, और राजपूत समाज इसके घेराव की पूरी तैयारी में है। अगर कोई सोचता है कि लाठी के दम पर राजपूतों की आवाज दबा दी जाएगी, तो वह गलतफहमी में जी रहा है।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पूर्व की शिवराज सरकार के दौरान भी राजपूत समाज ने कई आंदोलनों को अंजाम दिया, लेकिन तब भी किसी ने उन्हें लाठियों से नहीं दबाने की हिमाकत की। अब यदि सरकार वही गलती दोहराती है, तो इसका जवाब सड़कों पर मिलेगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, करणी सेना परिवार के पदाधिकारी आशीष राजपूत के साथ हीरा खरीदने के नाम पर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी। मामले में आरोपी विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। आरोपी मोहित वर्मा की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस उसे कोर्ट ले जा रही थी, तब कार्यकर्ता विरोध करने लगे और उसे अपने हवाले करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई, जो देखते ही देखते टकराव में बदल गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। हंगामे के दौरान पुलिस ने करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी के विरोध में रविवार को फिर से प्रदर्शन किया गया। करणी सेना ने पुलिस पर पैसे लेकर आरोपी को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है।