उत्तर प्रदेश के हापुड़ पर धनतेरस के दिन एक बुज़ुर्ग अम्मा सड़क किनारे मिट्टी के दीये बेचने बैठी थीं। दिनभर इंतज़ार के बाद भी एक भी दीया नहीं बिका। तभी वहां से गुजर रहे थानेदार विजय गुप्ता ने अम्मा की हालत देखी और बिना कुछ कहे उनके सारे दीये खरीद लिए। अम्मा की आंखों में आंसू थे — लेकिन ये आंसू दुख के नहीं, बल्कि राहत और खुशी के थे। थानेदार का यह इंसानियत भरा कदम अब लोगों के दिलों को छू रहा है और सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है।
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