नई दिल्ली। सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को नए साल के जश्न के हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में एक बड़ा तिरंगा पकड़े भारतीय सेना के जवानों की तस्वीरें जारी कीं। तस्वीरों को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नव वर्ष 2022 के अवसर पर गलवान घाटी में भारतीय सेना के बहादुर जवान।”
Brave Indian Army soldiers in Galwan Valley on the occasion of #NewYear2022 pic.twitter.com/5IyQaC9bfz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 4, 2022
चीन के सरकारी मीडिया द्वारा गलवान घाटी क्षेत्र के पास एक स्थान से चीनी लोगों को नए साल की बधाई भेजने वाले पीएलए सैनिकों का एक कथित वीडियो चलाने के तीन दिन बाद ये तस्वीरें जारी की गईं। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा जारी की गई तस्वीरों में से एक में करीब 30 भारतीय सैनिकों को राष्ट्र ध्वज के साथ देखा जा सकता है। एक अन्य तस्वीर में समूह को दिखाया गया है जिसमें चार लोग राष्ट्र ध्वज पकड़े हुए हैं और एक अन्य तिरंगा एक अस्थायी निगरानी चौकी से सटे ध्वजदंड पर लहरा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि यह तस्वीर गलवान घाटी में एक जनवरी को ली गई थी। भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक जनवरी को पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 10 सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया, जिसे पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद के बीच गर्मजोशी भरे संकेत के रूप में देखा गया था। चीन के सरकारी मीडिया ने हालांकि चीनी पीएलए द्वारा अपने देश का झंडा फहराए जाने की तस्वीरें जारी की थीं। यह ध्वज गलवान घाटी के निकट उनकी तरफ फहराया गया प्रतीत होता है।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक जिस जगह नए साल का जश्न मना रहे थे वह गलवान घाटी क्षेत्र के पास चीन की तरफ एक अंदरुनी इलाका है और यह 15 जून को हुए घातक संघर्ष के बाद क्षेत्र में बनाए गए बफर जोन के करीब नहीं है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के इलाके में पांच मई 2020 को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं की बीच गतिरोध पैदा हो गया था। दोनों ही सेनाओं ने उस इलाके में अपने हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती की थी।